रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रमिकों पर फूल बरसाए। उन्होंने सभी श्रमिकों से मुलाकात करते हुए कहा कि आपने एक ऐसा काम किया है, जिसका कई सदियों से इंतजार किया जा रहा था। अपने राम मंदिर को बेहद ही भव्य बनाया है। आप सभी की प्रशंसा पूरा सनातन समाज कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप सभी श्रमजीवियों के साथ पूरे देश और समाज की शुभकामनाएं हैं और आशीर्वाद है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपने इतने कम समय में इतना भव्य मंदिर बनाया है, यह बेहद ही अद्भुत कार्य है। उन्होंने श्रमिकों से कहा कि अब हमें इस काम की गति को और भी बढ़ाना है लेकिन बेध ही सावधानी के साथ। यह मंदिर अपने आप में ही एक इतिहास है और इसे संवारने का काम श्रमिकों ने किया है।
वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपने मन के भाव प्रकट करते हुए कहा कि हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। ये क्षण अलौकिक है और ये समय दर्शाता है कि प्रभु राम का आशीर्वाद हमारे साथ है। 22 जनवरी केवल एक तारीख नहीं है बल्कि नए कालचक्र का उद्गम है। निर्माण कार्य देखकर देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें राम का मंदिर मिला है।
मैं भगवान राम से क्षमा मांगता हूं: पीएम
पीएम ने कहा कि मैं दैवीय अनुभव महसूस कर रहा हूं। मैं इन दिव्य चेतनाओं को नमन करता हूं। मैं प्रभु श्रीराम से आज क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ और हमारे त्याग तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी, जो हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि कितना कुछ कहने को है। लेकिन कंठ अवरुद्ध है। मेरा शरीर अभी भी स्पंदित है। चित अभी भी उस कल में लीन है।
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