भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान पूर्णिया पहुंचने के दौरान पूर्णिया पूर्व प्रखंड के सिकंदरपुर गांव में मंगलवार को राहुल गांधी किसान चौपाल में पहुंचे। यहां सैकड़ों किसान उनकी प्रतीक्षा कर रहे थे। किसान चौपाल में पहुंचकर राहुल गांधी ने आलू की सब्जी और रोटी खाई। कुल्हड़ में चाय का भी आनंद लिया। किसान नेता अनिरुद्ध मेहता ने राहुल गांधी को मक्के का पौधा देकर सम्मानित किया।

उन्होंने राहुल गांधी से कहा कि यहां न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्के की खरीद नहीं होने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। चुन्नी लाल उरांव ने कहा कि बाढ़ में धान की फसल बर्बाद होने पर उन्हें कहा जाता है कि यहां मुआवजे का कोई प्रविधान नहीं है।

राहुल ने सुनी किसानों की व्‍यथा

किसानों ने कहा कि एसएसबी द्वारा वर्षों पूर्व जिस जमीन का अधिग्रहण किया गया था, उस पर कोई काम नहीं किया गया है और ना ही वह जमीन किसानों को लौटाई जा रही। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि कोई भी नेता यदि किसान और जमीन की बात करेगा तो 24 घंटों के अंदर मीडिया उसपर हमलावर हो जाएगी।

कानून के अनुसार यदि पांच वर्ष के अंदर जमीन का उपयोग नहीं किया गया तो वह वापस हो जानी चाहिए। हिंदुस्तान की सरकार जमीन अधिग्रहण बिल के कानून को तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि इसके विरुद्ध वे संसद में आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि कसानों से जमीन लेकर अडानी जैसे बड़े उद्योगपतियों को तोहफे में दे दी जाती है। खाद-बीज के नाम पर किसानों पर दबाव दिया जाता है। उन्होंने नरेन्द्र मोदी सरकार पर तीन काले कानून लाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि देश के सारे के सारे किसान खड़े हो गए और पीछे नहीं हटे। इसी कारण किसानों की जान बची। कहा कि सरकार ने अरबपतियों का कर्ज माफ कर दिया, लेकिन किसानों का नहीं किया। उनका 14 लाख करोड़ माफ हो रहा है और आपका कर्ज माफ करने में आनाकानी की जा रही है।

उन्होंने कहा था पिछले साल उन्होंने एक न्याय योजना पर चर्चा की थी। इसके तहत हर व्यक्ति के खाते में सरकार को पैसे डालने होते। आज सरकार किसानों का डर नहीं मिटा पा रही है। राहुल गांधी ने किसानों को उनका खोया भरोसा देने का आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा कि जमीन अधिग्रहण बिल हम लाए थे। छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार थी, राजस्थान में हमारी सरकार थी तो हम किसानों को सही हक देते थे। देश में जब हमारी सरकार थी तो किसानों के 75 हजार करोड़ का ऋण माफ किया गया था। उनके साथ कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, जयराम रमेश, कन्हैया कुमार तथा पूर्णिया जिला अध्यक्ष नीरज सिंह उर्फ छोटू सिंह आदि थे।