पूर्णिया में रैली में राहुल गांधी ने कहा कि बिहार में सामाजिक न्याय के लिए महागठबंधन लड़ेगा. हमें नीतीश कुमार की जरूरत नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि नीतीश कुमा कहां फंसे? हमने उनसे कहा था कि आपको बिहार में जातिगत जनगणना करवानी होगी, हम आपको छूट नहीं दे सकते.

लेकिन BJP नहीं चाहती थी कि बिहार में जातिगत जनगणना हो, क्योंकि वे देश को सच बताने से डरते हैं. बीजेपी नहीं चाहती कि जनता का ध्यान सामाजिक न्याय पर जाए. इसलिए बीजेपी ने नीतीश कुमार को बीच से निकलने का रास्ता दे दिया और नीतीश उस रास्ते पर निकल गए. नीतीश कुमार यहां फंस गए.

राहुल गांधी ने कहा, “हमने और आरजेडी ने नीतीश कुमार पर दबाव डालकर ये काम (जाति आधारित सर्वे) करवाया. अब क्या हुआ, दूसरे साइड से प्रेशर आया. बीजेपी नहीं चाहती कि इस देश का एक्सरे हो. एक्सरे से डरते हैं. दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. पता लग जाएगा कि कितने ओबीसी हैं, कितने दलित हैं, कितने आदिवासी हैं. बीजेपी ये नहीं चाहती.

बीजेपी चाहती है कि आपका इधर ध्यान जाए उधर ध्यान जाए. आगे पीछे ध्यान जाता जाए. मगर सामाजिक न्याय पर गलती से भी आपका ध्यान न जाए. नीतीश जी बीच में फंस गए. सामाजिक न्याय देने की जिम्मेदारी बिहार में हमारे गठबंधन की है. नीतीश जी की यहां कोई जरूरत नहीं है. यहां पर हम अपना काम कर लेंगे. मिलकर हमारा गठबंधन यहां पर जो करना है कर देगा.”

गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को महागठबंधन से अलग होकर बिहार में फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली. इस फैसले पर नीतीश कुमार ने कहा था कि उनकी पार्टी के लोगों को लगा था कि फिर से साथ में आ जाना चाहिए इसलिए ये फैसला लिया गया. बता दें कि नीतीश कुमार के महागठबंधन से अलग होने की घटना को इंडिया गठबंधन के लिए बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है.


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