रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) की ट्रेनों को ‘नमो भारत’ के नाम से जाना जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (20 अक्टूबर) को इनका उद्घाटन करेंगे. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है.

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले खंड कोउद्घाटन के एक दिन बाद यानी 21 अक्टूबर को यात्रियों के लिए खोला जाएगा. साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच इस सेक्शन में पांच स्टेशन हैं, जिनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल हैं. दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए मेरठ तक फैले इस कॉरिडोर की आधारशिला पीएम मोदी ने 8 मार्च 2019 को रखी थी.

इतनी स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन

प्रधानमंत्री कार्यालय ने बुधवार (18 अक्टूबर) को एक बयान में कहा था कि पीएम मोदी के विजन के अनुरूप नए वर्ल्ड क्लास ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के जरिये देश में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को ट्रांसफॉर्म करने के लिए RRTS परियोजना विकसित की जा रही है. आरआरटीएस सेमी-हाई-स्पीड और हाई फ्रीक्वेंसी कम्यूटर ट्रांजिट सिस्टम है, जिसमें ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से दौड़ सकेगी.

कितनी देर में उपलब्ध होगी ट्रेन?

पीएमओ के बयान के मुताबिक, RRTS एक परिवर्तनकारी क्षेत्रीय विकास पहल है, जिसे इस रूप में डिजाइन किया गया है कि इंटरसिटी आवागमन के लिए हर 15 मिनट में हाई-स्पीड ट्रेनें उपलब्ध हों और जरूरत पड़ने फ्रीक्वेंसी पांच मिनट की जा सकती है.

बयान में कहा गया था कि एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में कुल आठ RRTS कॉरिडोर को विकसित किया जाएगा, जिनमें तीन कॉरिडोर को फेज 1 में अमल में लाने को प्राथमिकता दी गई है. इनमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल हैं.

दिल्ली से मेरठ पहुंचने में लगेगा कितना समय?

पीएमओ के बयान के मुताबिक, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर को 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से विकसित किया जा रहा है. इसके जरिये दिल्ली से मेरठ एक घंटे से भी कम समय में पहुंचा जा सकेगा.


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