मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकजुटता की जो मुहिम चलाई थी वो अब रंग लाने लगी है. मुंबई में दो दिवसीय विपक्षी दलों की तीसरी बैठक में कई अन्य दलों के सम्मिलित होने की खबरें भी आ रही हैं. वहीं एक बार फिर से कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में गठबंधन के संयोजक का नाम तय होगा।

आगे उन्होंने कहा कि इस रेस में शुरू से ही नीतीश कुमार का नाम सबसे आगे चल रहा है, लेकिन अब ऐसा लगता है कि नीतीश के नाम पर विपक्ष में सहमति नहीं बन पा रही है. नीतीश कुमार ने खुद बयान देते हुए कहा कि कोई दूसरा संयोजक बनेगा. वहीं जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने भी कहा है कि हमारे लिए सबसे जरूरी विपक्षी एकता और 2024 का चुनाव है।

केसी त्यागी ने कहा कि 2002 में पहली बार नीतीश कुमार ने तीसरे मोर्चे को समाप्त कर पहले मोर्चे की वकालत की थी. उन्हीं का प्रयास था कि कांग्रेस के साथ टीएमसी, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी एक मंच पर आई, ये सभी पहले तीसरे फ्रंट की वकालत करने में लगे हुए थे।

आगे उन्होंने कहा कि पटना में विपक्षी दलों की बैठक सफल रही. 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली बैठक में संरचनात्मक ढांचे पर, कार्यक्रमों, स्टेयरिंग कमेटी, और राज्यों में सीट शेयरिंग पर चर्चा होनी है.सबसे ज्यादा जरूरी है कि सारे दलों का एक झंडा बनाया जाए और सभी उसके नीचे एक होकर चुनाव लड़ें।


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