यूं तो शराबी एक ऐसी कौम है जो कभी किसी बात का ना तो विरोध करती है और ना ही किसी चीज को लेकर ऐतराज जताती है। सरकारें शराब महंगी कर दें, तब भी महंगी पी लेते हैं। शराब की दुकानें हाईवे से हटाकर शहरों के भीतर कर दें, ये सह लेते हैं। यहां तक कि सरकारें राज्य में ही क्यों ना शराब बंदी करवा दें, शराब प्रेमी फिर भी दूसरे राज्य में जाकर पी लेते हैं। लेकिन मजाल है कि कभी शिकायत करें। लेकिन कर्नाटक में आज शराबी संघ ने कुछ बेहद गंभीर मांगो के साथ राज्य विधानसभा सुवर्णसौधा के बाहर प्रदर्शन किया है।

शीतकालीन सत्र के दौरान विधानसभा के बाहर प्रदर्शन

शराबी संघ ने सुवर्णसौधा के बाहर प्रदर्शन के दौरान अपनी कुछ मांगें भी रखी हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शराब पीने वालों को ‘शराबी’ नहीं बल्कि ‘मदिरा प्रेमी’ बुलाया जाए। बता दें कि कर्नाटक के बेलगावी के सुवर्णसौधा में अभी कर्नाटक विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस सत्र के दौरान कर्नाटक में शराबी संघ ने अनूठा विरोध प्रदर्शन किया है। शराबी संघ की मांग है कि 31 दिसंबर को मदिरा पान प्रेमी दिवस मनाने की घोषणा की जाए। इसके अलावा शराब पीने से मरने वालों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी मांग रखी गई है।

शराबी संघ की कुछ प्रमुख मांगें

बताया जा रहा है कि कर्नाटक के बेलगावी में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान , कर्नाटक मद्यपान संघ के सदस्यों ने विधानसभा के बाहर धरना दिया और लेबर मंत्री संतोष लाड को एक ज्ञापन सौंपा। लेबर मंत्री को दिए इस ज्ञापन में मद्यपान संघ ने 10 मांगे रखी हैं। उनमें कुछ प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं-

31 दिसंबर को मदिरा पान प्रेमी दिवस के तौर पर मनाया जाए।
शराब पीने वालों को ‘शराबी’ नहीं कहा जाए, बल्कि ‘मदिरा प्रेमी’ कहा जाए।

शराब पीने की वजह से अगर किसी की मौत होती है तो परिवार को 10 लाख का मुवाजा दिया जाए। यह पैसे ड्रंक एण्ड ड्राइविंग से मिले जुर्माने के फंड से दिया जाए।

जो महिला शराबी से शादी करती है, उसे 2 लाख रूपे दिए जाने चाहिए।

सभी बार के बाहर एंबुलेंस होनी चाहिए।

हालांकि लेबर मंत्री संतोष लाड ने प्रदर्शन कर रहे शराबी संघ के लोगों को आश्वासन दिया है कि वह उनकी मांगों पर विचार विमर्श करेंगे। मंत्री के आश्वासन के बाद शराब प्रेमियों ने धरना खत्म कर दिया।


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