ब्रिटेन की अदालत ने उत्तरी इंग्लैंड के अस्पताल में हत्या और 7 लोगों की हत्या के 6 अन्य की हत्या के प्रयास की गुनहगार नर्स लूसी लेटबाई को सोमवार को ताउम्र कैद की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति जेम्स गोस ने अंतिम सांस तक उम्रकैद की सजा सुनाते हुए दोषी नर्स की वक्त से पहले रिहाई के सभी प्रावधानों पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा कि 33-वर्षीया नर्स की ओर से किया गया अपराध बिना शक बेहद गंभीर प्रकृति का है। इसलिए उसे बाकी जिंदगी जेल की सलाखों के पीछे ही रहना होगा।

‘नर्स की पोस्ट के विपरीत काम किया, भुगतो गंभीर सजा’, बोलीं जज

लेटबाई को पिछले सप्ताह सात नवजात बच्चों की हत्या और छह अन्य नवजात बच्चों की हत्या के प्रयास के सात मामलों में दोषी करार दिया गया था। न्यायमूर्ति गोस ने सजा सुनाते हुए टिप्पणी की कि नर्स ने ‘भरोसे का कत्ल’ किया है। उन्होंने मैनचेस्टर क्राउन कोर्ट में सख्त सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी ने ‘सोच-विचार कर और धूर्तता’ के साथ इस अपराध को अंजाम दिया। उन्होंने कहा, ‘जिन बच्चों को आपने नुकसान पहुंचाया उनका जन्म समय से पहले हुआ था और उनमें से कुछ के जीवित नहीं रहने की आशंका थी, लेकिन प्रत्येक मामले में आपने जानबूझकर उन्हें मारने की मंशा से उनको नुकसान पहुंचाया।’ इसी अदालत की जूरी ने 10 महीने की सुनवाई के बाद शुक्रवार को नर्स को दोषी करार दिया था।

ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने की नर्स की निंदा

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने नर्स की ‘इस कायराना’ हरकत की निंदा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कानून में बदलाव करने पर विचार कर रही है, जिससे अपराधी दोषी पाये जाने पर पीड़ितों का अनिवार्य रूप से सामना करे। सुनवाई के दौरान सामने आया कि लेटबाई ने जानबूझकर बच्चों को खाली इंजेक्शन दिया, दूसरों का दूध जबरन पिलाया और दो बच्चों को इंसुलिन देकर मारा।


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