ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, 14 अक्टूबर शनि अमावस्या पर आज सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण आमतौर पर अमावस्या के दिन ही लगता है और चंद्र गहण पूर्णिमा तिथि को। पंचांग के अनुसार, इस महीने 28 तारीख को चंद्र ग्रहण भी लगेगा। ऐसे में इस महीने 2-2 ग्रहण का लगना कई मायनों में खास माना जा रहा है। लोग सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को लेकर यह जानना चाह रहे हैं कि सूर्य या चंद्र ग्रहण किसका सूतक काल मान्य होगा या दोनों ही ग्रहणों के सूतक काल मान्य होंगे। आइए ज्योतिषीय गणना के अनुसार, जानते हैं कि सू्र्य या चंद्र ग्रहण किसका सूतक काल मान्य होगा और सूर्य-चंद्र ग्रहण से जुड़ी खास जानकारी क्या है।

सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण किसका सूतक होगा मान्य

ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को भारतीय समय के अनुसार, रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा। जो कि 15 अक्टूबर को तड़के 2 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। यह सूर्य ग्रहण अमेरिका, कोलंबिया, मैक्सिको, ब्राजील इत्यादि देशों में दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई ना देने की वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। वहीं 28 अक्टूबर 2023 को लगने वाला चंद्र ग्रहण 29 अक्टूबर को तड़के लगेगा। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक, यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा और इसका सूतक काल भी मान्य होगा। ऐसे में 28 अक्टूबर की शाम से ही सूतक के नियमों का पालन करना जरूरी होगा।

सूतक क्या होता है?

पौराणिक मान्यता के अनुसार, सूतक कई प्रकार के होते हैं। सूतक जन्म, मरण और ग्रहण के दौरान लगते हैं। जिसमें हर सूतक की अवधि अलग-अलग होती है। बच्चों के जन्म के समय लगने वाला सूतक 40 दिन तक का माना जाता है। वहीं किसी की मृत्यु के समय लगने वाला सूतक 13 दिनों का होता है। इसके अवाला सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले लग जाता है और चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। ग्रहण के दौरान लगने वाले सूतक में पूजा-पाठ और विशेष मंत्रों के जाप किए जा सकते हैं। जबकि अन्य सूतक के दौरान पूजा-पाठ निषेध माने गए हैं।


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