खर्च दो नही तो बर्बाद कर दूंगी.. उमरिया में आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता शराब ठेकेदार को इस तरह से धमकार रही थीं कि तभी लोकायुक्त रीवा की टीम ने मौके पर ही छापा मार कर घूसखोर अधिकारी का सारा खेल खराब कर दिया। जानकारी के मुताबिक आबकारी अधिकारी सरेआम शराब ठेकेदार को कह रही थीं … अगर आपको उमरिया में शराब की दुकान चलानी है तो यहां के अधिकारी को वी.आई.पी खर्च देना ही पड़ेगा, नहीं तो आप दूकान बंद कर दीजिए क्योंकि वी.आई.पी खर्च नहीं मिलने पर दिक्कत होती है। वो ऐसा कह ही रही थीं कि लोकायुक्त की टीम आ धमकी और आबकारी अधिकारी को अपने साथ लेकर चली गई।

शराब ठेकेदार निपेन्द्र सिंह ने बताया कि आबकारी अधिकारी आए दिन ठेकेदार को बर्बाद कराने की खुली धमकी देते हैं और वीआईपी खर्च भी थोड़ा-बहुत नहीं सीधा तीस हजार रुपये महीना यानि हजार रुपया रोज देना पड़ता है। ठेकेदार ने आगे बताया कि और लें भी क्यों ना, मैडम को अपने ऊपर बैठे अधिकारियों को भी तो हिस्सा दे कर मैनेज करना होता है।

आबकारी अधिकारी सरेआम मांग रही थीं रिश्वत

दरअसल, शराब ठेकेदार निपेंद्र सिंह द्वारा लोकायुक्त रीवा में ये शिकायत की गई थी कि जिला आबकारी अधिकारी, उमरिया रिनी गुप्ता ने शराब जब्ती का झूठा केस नहीं बनाने की ऐवज में रिश्वत मांगी जा रही है और उनके द्वारा परेशान किया जा रहा है। थक-हार के ठेकेदार निपेंद्र सिंह ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से की। जब उन्होंने इस शिकायत का सत्यापन कराया तो शिकायत सही पाई गई।

वास्तव में जिला आबकारी अधिकारी रिनी गुप्ता की तरफ से 30,000 रुपये महीने के हिसाब से चार महीने के एक लाख बीस हजार रुपये की डिमांड की गई थी, जिस पर सुनियोजित तरीके से कार्रवाई करते हुए लोकायुक्त रीवा की 12 सदस्यीय टीम ने शिकायत कर्ता से एक लाख बीस हजार रूपए लेते हुए अधिकारी को रंगे हाथों दबोच लिया और अब आबकारी अधिकारी उमरिया के ऊपर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है।


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