बिहार के शेखपुरा में दो पक्षों में झड़प के बाद विवाद सुलझाने गई पुलिस टीम पर हमला हुआ है. नगर परिषद क्षेत्र के कमासी गांव का मामला है. जहां मारपीट की घटना को सुलझाने गई टाउन थाने की पुलिस पर आसामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया. इस घटना के बाद पुलिस ने एक दर्जन लोगों को विरासत में लिया है, जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने शेखपुरा एसपी आवास का घेराव कर विरोध जताया।
पुलिस पर घर में घुसकर पिटाई का आरोप: एसपी आवास का घेराव करने पहुंचे ग्रामीणों में जनार्दन ठाकुर, चंदन कुमार, कौशल कुमार सहित अन्य महिलाओं ने पुलिस पर घर में घुसकर मारपीट करने का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने बताया पुलिस कर्मी गांव के जमीन दलाल के लिए काम करती है और बेकसूर लोगों की पिटाई करती है. ग्रामीणों ने बताया गांव में मामूली विवाद पर पुलिस ने गांव में घुसकर जमकर उपद्रव मचाया और कई लोगों को घर से निकाल कर बुरी तरह पीटा. जो लोग इस घटना में शामिल भी नहीं थे, उन्हें भी जबरन पीटा गया।
पुलिसकर्मियों ने महिलाओं से भी बदतमीजी की और उन्हें गंदी-गंदी गालियां देते हुए मारपीट की. जब हमलोग एसपी आवास का घेराव करने पहुंचे तो पुलिस कर्मियों ने डंडा दिखाकर भगा दिया. हमें न्याय चाहिए”- स्थानीय ग्रामीण
घटना पर एसपी ने क्या बोला?: वहीं, इस पूरे मामले में एसपी कार्तिकेय शर्मा ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कामासी गांव में दो पक्षों की भावनाओं को भड़काने का प्रयास करने वाले 18 आसामाजिक तत्वों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि ऐसी भावना को भड़काने वालों को पुलिस किसी भी हाल में नहीं बख्शेगी. गिरफ्तार हुए लोगों में वार्ड पार्षद चंदन कुमार भी शामिल हैं।
“कमासी गांव में दो पक्षों के बीच मारपीट की सूचना पर पुलिस गांव गई थी. जिसमें कुछ आसामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पत्थरबाजी कर दी. इस मामले में एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया है. पुलिस पर पत्थरबाजी को लेकर थाने में प्राथमिक की दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है”- विनोद राम, थानाध्यक्ष, शेखपुरा थाना
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