चीनी की कीमत आने वाले दिनों में बढ़ सकती है। दरअसल, चालू विपणन वर्ष की एक अक्टूबर से 15 दिसंबर की अवधि में भारत में चीनी उत्पादन सालाना आधार पर 11 प्रतिशत घटकर 74.05 लाख टन रह गया। इसका मुख्य कारण महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम उत्पादन है। उद्योग संगठन इस्मा ने यह जानकारी दी। चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक होता। इसका असर चीनी के दाम पर देखने को मिल सकता है। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में चीनी की कीमत में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहले से ही चीनी की कीमत में बड़ा उछाल है। ऐसे में उत्पादन घटने के बाद घरेलू बाजार में भी इसका असर दिखाई दे सकता है।

8 लाख टन से अधिक घटा उत्पादन

भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, चालू विपणन वर्ष 2023-24 में 15 दिसंबर तक चीनी उत्पादन 74.05 लाख टन तक रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 82.95 लाख टन था। चालू कारखानों की संख्या सालाना आधार पर 497 ही है। इस्मा के अनुसार ‘‘ इस वर्ष महाराष्ट्र और कर्नाटक की चीनी मिल में पिछले वर्ष की तुलना में करीब 10-15 दिन बाद काम शुरू हुआ।’’ उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन विपणन वर्ष 2023-24 के 15 दिसंबर तक बढ़कर 22.11 लाख टन हो गया, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह 20.26 लाख टन था। इस्मा के आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन 33.02 लाख टन से घटकर 24.45 लाख टन रह गया। कर्नाटक में उत्पादन 19.20 लाख टन से घटकर 16.95 लाख टन हो गया।

56 लाख टन चीनी का भंडारण

उद्योग संगठन इस्मा ने पिछले हफ्ते अनुमान लगाया था कि विपणन वर्ष 2023-24 में कुल चीनी उत्पादन 325 लाख टन (एथनॉल के लिए उपयोग के बिना) होने की उम्मीद है। देश के पास 56 लाख टन का भंडारण है। खपत 285 लाख टन रहने का अनुमान है। घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने चालू विपणन वर्ष में चीनी निर्यात की अनुमति नहीं दी है। विपणन वर्ष 2022-23 में भारत ने 64 लाख टन चीनी का निर्यात किया था।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.