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सुशील मोदी का तेजस्वी पर वार, कहा…’खुद को शेर का बेटा बताने वाले तेजस्वी यादव माफी क्यों मांग रहे है’

खुद को शेर का बेटा बताने वाले तेजस्वी प्रसाद यादव सुप्रीम कोर्ट में एफेडेविट देकर माफी क्यों मांग रहे हैं. बड़बोले तेजस्वी यादव में अगर हिम्मत होती तो वे अपने बयान पर कायम रहते. पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने आज ये सवाल पूछा है.

सुशील मोदी ने कहा है सारे गुजरातियों को ठग बताने वाले तेजस्वी प्रसाद यादव का सारा बड़बोलापन गायब हो गया है. लोगों के बीच वे खुद को शेर का बेटा बताते हैं. अगर वाकई वे शरे हैं तो गुजरातियों को ठग बताने वाली अमर्यादित टिप्पणी के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर माफी क्यों मांग ली है?

सुशील मोदी ने कहा है कि विधानसभा की सदस्यता समाप्त होने के डर से तेजस्वी यादव ने भी राहुल गांधी की तरह लिखित क्षमा याचना कर अपनी गर्दन बचा ली है. यदि वे लालू प्रसाद के पुत्र होने का दंभ भरते हैं और बड़बोले बयान देते हैं, तो झुकने की बजाय अपनी बात पर अड़े रहते और कोर्ट के फैसले का सामना करते. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने भी प्रधानमंत्री को “चौकीदार चोर है” कहा था और उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगनी पड़ी थी.

सुशील मोदी ने कहा है कि ये वही तेजस्वी यादव हैं, जो उपमुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी 5, देश रत्न मार्ग वाला सरकारी बंगला खाली नहीं कर रहे थे. वे कोर्ट गये थे तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट की फटकार सुननी पड़ी थी और 50 हजार रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ा था. उन्होंने कहा कि गैरजिम्मेदाराना बयान देने और फिर कोर्ट में माफी मांग कर सजा से बच निकलने की प्रवृत्ति पर प्रभावी अंकुश कैसे लगे, इस पर देश की शीर्ष न्यायपालिका को गंभीरता से विचार करना चाहिए.

सुशील मोदी ने कहा कि जो लोग लोकतंत्र बचाने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, वे ही अपने अमर्यादित और द्वेषपूर्ण बयानों से लोकतंत्र को बार-बार कलंकित कर रहे हैं.

राजभवन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार बोले- ‘उन्हीं से पूछिए’

गणतंत्र दिवस के मौके पर बिहार में राजभवन के कार्यक्रम में आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शामिल नहीं हुए. तब इसको लेकर सीएम नीतीश कुमार से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो नहीं आए हैं उन्हीं से पूछिए. बता दें कि इस कार्यक्रम में जेडीयू के कई चेहरे दिखे लेकिन आरजेडी की तरफ से केवल एक नेता शामिल हुए. हाल ही में बिहार के शिक्षा मंत्री आलोक मेहता इस कार्यक्रम में शामिल हुए. वो राजभवन में थोड़ी देर ही रुके और बीच में ही चले गए.

उधर,  हम के नेता जीतन राम मांझी से तेजस्वी यादव के राजभवन न आने को लेकर सवाल पछा गया तो उन्होंने कहा, ”हमें तो पहले से ऐसा अहसास था कि गठबंधन (जेडीयू-आरजेडी)  ताश के पत्ते की तरह बिखर जाएगा.” क्या बिहार में खेला हो गया है? पत्रकारों के इस सवाल पर मांझी ने कहा, ”कोई भी व्यक्ति यह समझ सकता है कि खेला हो रहा है या नहीं हो रहा है.”

तेजस्वी से ही पूछा जाए- नेता प्रतिपक्ष

बीजेपी विधायक और नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा भी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. विजय कुमार सिन्हा से जब तेजस्वी यादव की गैरमौजूदगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ”वो बताएंगे. प्रतिपक्ष संवैधानिक पद, संवैधानिक संस्था और राष्ट्रीय पर्व का सम्मान करता है. जिस भी दायित्व पर मैं रहता हूं, मैं आता हूं और अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करता हूं.”

कोई भी पार्टी खुलकर कुछ कहने को नहीं तैयार

जेडीयू के बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की चर्चा तेज हो गई है तो एनडीए और महागठबंधन दोनों में ही शामिल नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं लेकिन कोई भी कुछ भी खुलकर तो नहीं कह रहा. बीजेपी की ओर से सुशील मोदी ने कहा कि अभी इंतजार करना चाहिए केंद्रीय नेतृत्व उचित निर्णय लेगा, हम लोग उस निर्य़ण का समर्थन करेंगे. वहीं, एलजेपी पासवान के नेता चिराग पासवान ने भी यही बात दोहराई है कि सही समय का इंतजार करना चाहिए.

तेजस्वी यादव को लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में कल ED ने पूछताछ के लिए बुलाया, इस बार भी पेश नहीं होंगे?

रेलवे में नौकरी के लिए जमीन लेने के चर्चित लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया है। तेजस्वी को 5 जनवरी को हाजिर होने के लिए कहा गया है। इससे पहले उन्हें 22 दिसंबर को बुलाया गया था लेकिन तेजस्वी यादव पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे।

उनके पिता लालू यादव को भी 27 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से समन भेज कर बुलाया गया था। लेकिन तबीयत ठीक नहीं रहने के कारण वे ईडी दफ्तर नहीं गये। सूत्रों की मिली जानकारी के अनुसार बिहार सरकार के कार्यक्रमों में व्यस्तता के कारण तेजस्वी ईडी के सामने पेश नहीं हो रहे हैं।

वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को लैंड फॉर जॉब केस की जांच कर रही एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने बीते दिनों तेजस्वी यादव को फ्रेश समन जारी किया था। उनसे कहा गया है कि 5 जनवरी को दिल्ली स्थित ईडी के मुख्यालय में उपस्थित होकर पूछताछ में सहयोग करें। जांच एजेंसी डिप्टी सीएम से 2004 से 2009 के बीच रेलवे में कई लोगों को जमीन लेकर नौकरी देने के मामले में पूछताछ करेगी। अब देखना होगा कि इस बार भी वे ईडी के समक्ष पेश होते है या नहीं।

आपको बताते चलें कि, इससे पहले इससे पहले अक्टूबर महीने में भी तेजस्वी ने सीबीआई कोर्ट में पासपोर्ट रिलीज करने की अर्जी दाखिल की थी। कोर्ट ने उनकी अर्जी को स्वीकार करते हुए उन्हें विदेश दौरे की अनुमति दी थी। इसके बाद तेजस्वी यादव एक हफ्ते के लिए जापान दौरे पर गए थे। यह पूरी तरह सरकारी कार्यक्रम था। जापान में डिप्टी सीएम ने टूरिज्म एक्सपो-2023 में हिस्सा लिया था और बिहार के पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग की थी.

तेजस्वी यादव के विवादित बयान पर गिरिराज सिंह ने किया पलटवार, कहा-क्या आप हज भवन को अस्पताल बना देंगे?

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया था। तेजस्वी के बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव क्या हज भवन को अस्पताल बना देंगे?  दरअसल बीते बुधवार को मधुबनी के झंझारपुर में राजद के एक कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने राम मंदिर का मामला उठाया था। कहा था कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं इस दिन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

प्रधानमंत्री अयोध्या में राम मंदिर की बात कर रहे हैं. लेकिन भगवान राम को मोदी जी की जरूरत है? भगवान राम चाहते तो खुद नहीं बनवा लेते हर जगह अपना महल. लेकिन मोदी जी इस तरह से दिखा रहे हैं कि राम भगवान को घर दे दिया. महल बनवा दिया, मंदिर बनवा दिया. ये सब बेकार की बातें हैं.

इससे पहले तेजस्वी ने पटना में भी राम मंदिर को लेकर बीजेपी पर हमला बोला. तेजस्वी ने कहा कि मीडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम का दर्जा दे दिया है. भगवान राम तो सब की खुशहाली चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आप बीमार होते हैं तो कहां जाते है, मंदिर या अस्पताल. तेजस्वी ने कहा कि खुशियां कैसे आएगी? गरीबी दूर करने से, रोजगार मिलने से, शिक्षा मिलने से और स्वास्थ्य व्यवस्था सुधार करने से.

वैसे उन्होंने सफाई भी दी-हम मंदिर के विरोधी नहीं हैं. मेरी मां छठ उस समय से करती है, जब मोदी जी को छठ का ज्ञान भी नहीं था. तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारे घर में पहले से मंदिर है, जहां हम लोग पूजा करते हैं. हाल ही में पूरा परिवार बालाजी के दर्शन कर कर आया है. हम लोग घर पर पूजा करने में ज्यादा विश्वास रखते हैं.

राममंदिर को लेकर तेजस्वी के बयान पर भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि ये लोग हिंदुओं के बारे में हमेशा अपमानजनक बातें करते रहते हैं। तेजस्वी चाह रहे हैं कि राममंदिर के उद्घाटन में कोई व्यवधान पैदा हो जाए। तेजस्वी से यह पूछना चाहता हूं कि हज करने वालों की सहायता के लिए जो पैसा खर्च होता है उस पर कुछ सलाह क्यों नहीं देते? क्या आप हज भवन को अस्पताल बना देंगे? दावत-ए-इफ्तार में कई दिनों तक जो बड़े खर्च होते हैं उसमें कुछ गरीबों को भी खिलाएंगे?

तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनना चाहते थे ललन सिंह, लालू यादव के साथ हुई थी डील, पढ़े पूरी रिपोर्ट

जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया और एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी के नए अध्यक्ष बन गए. जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार, ललन सिंह को उनके पद से हटाने की तैयारी पिछले कुछ दिनों से लगातार कर रहे थे. जिस तरीके से नीतीश कुमार ने ललन सिंह को किनारे लगाया है, उसके पीछे की इनसाइड स्टोरी भी जबर्दस्त है.

ललन बनाना चाहते थे तेजस्वी को CM

इस कहानी की शुरुआत तब से होती है, जब ललन सिंह पिछले कुछ महीनो में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीब आते हैं और दोनों नेताओं के बीच घनिष्ठता बढ़ती है. राजनीति में उठाया गया कोई भी कदम बिना किसी मकसद के नहीं होता है और इसी आधार पर ललन सिंह और लालू प्रसाद के बीच नजदीकी की भनक नीतीश कुमार को भी लगी, लेकिन उस वक्त नीतीश कुमार ने ललन सिंह को लेकर कोई कदम नहीं उठाया.

इस पूरे घटनाक्रम का पहला चैप्टर तब लिखा गया, जब ललन सिंह ने नीतीश कुमार के एक करीबी वरिष्ठ मंत्री के साथ मिलकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव नीतीश के सामने रखा. जिसे नीतीश कुमार ने खारिज कर दिया. जानकारी के मुताबिक ललन सिंह नीतीश कुमार को यह मनवाने की कोशिश कर रहे थे कि वह 18 साल से बिहार में मुख्यमंत्री के पद पर रह चुके हैं और उन्हें अब सत्ता तेजस्वी को सौंप देनी चाहिए, जिसके लिए नीतीश नहीं तैयार हुए.

ललन और लालू के बीच हुई ये डील

ललन सिंह के तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के प्रस्ताव को जब नीतीश कुमार ने ठुकरा दिया तो उसके बाद ही ललन सिंह ने जनता दल यूनाइटेड को तोड़ने की प्लानिंग शुरू कर दी. सूत्रों के मुताबिक कुछ सप्ताह पहले जनता दल यूनाइटेड के तकरीबन 12 विधायकों की एक गुप्त बैठक हुई थी और डील के मुताबिक ललन सिंह इन 10-12 विधायकों की मदद से तेजस्वी यादव की ताजपोशी कराने के चक्कर में थे, लेकिन इस सीक्रेट मीटिंग की भनक नीतीश कुमार को लग गई.

ललन सिंह जाना चाहते थे राज्यसभा

ललन सिंह और लालू प्रसाद के बीच जो सीक्रेट डील हुई थी, उसके मुताबिक ललन सिंह को तकरीबन जनता दल यूनाइटेड के 12 विधायकों को तोड़कर तेजस्वी यादव की सरकार बनानी थी और इसके बदले में राजद उन्हें राज्यसभा भेजती. विधानसभा में अगर संख्या बल की बात करें तो बिना जनता दल यूनाइटेड (45) के आरजेडी (79), कांग्रेस (19), सीपीआईएमएल (12), सीपीआई (2), सीपीएम (2) और निर्दलीय (1) मिलाकर कुल 115 की संख्या है. ऐसे में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने के लिए 7 अन्य विधायकों की जरूरत थी, जिसकी जुगाड़ में ललन सिंह लगे हुए थे.

बिहार में सियासी हलचल के बीच बीजेपी बोली- JDU को लालू यादव तोड़ देंगे, तेजस्वी को CM बनाएंगे

बीजेपी के नेताओं की ओर से बार-बार बयान आ रहा है कि तेजस्वी यादव  को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया जाना है. जेडीयू के अंदर घमासान मचा हुआ है. गुरुवार (28 दिसंबर) को नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि जेडीयू के अंदर क्या कुछ चल रहा यह है यह जेडीयू का अंदरूनी मामला है. राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से ललन सिंह हटेंगे इन सब से हम लोगों को मतलब नहीं. लालू यादव जेडीयू को तोड़ देंगे. जेडीयू टूटेगा. लालू अपने बेटे तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाएंगे.

विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के दरवाजे बंद हैं. यह बात हमारे बड़े नेता कई बार बोल चुके हैं. शीर्ष नेतृत्व कई बार कह चुका है. नीतीश एनडीए में आने वाले हैं इसको लेकर आलाकमान ने हमलोगों से कोई बातचीत भी नहीं की है, ना इसको लेकर कोई बैठक हुई है. नीतीश एनडीए में आ रहे हैं यह काल्पनिक सवाल है.

नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि 2020 में जनादेश बीजेपी को मिला था. चोर दरवाजे से बड़े भाई और छोटे भाई ने सरकार बनाई. लालू नीतीश दोनों ठग हैं.

शक्ति यादव ने कहा- तेजस्वी को सीएम बनाने की कोई जल्दी नहीं

वहीं बीजेपी पर पलटवार करते हुए आरजेडी प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि ललन सिंह के लालू-तेजस्वी से अच्छे संबंध हैं तो नीतीश के भी लालू-तेजस्वी से मधुर संबंध हैं. सब साथ व एकजुट हैं. तेजस्वी को सीएम बनने की कोई जल्दबाजी नहीं है. ऐसा हम लोग कई बार बोले हैं.

नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा के दावों पर पलटवार करते हुए कहा कि लालू जेडीयू तोड़कर तेजस्वी को सीएम बनाएंगे यह सब बेकार की बातें हैं. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ेगा. बिहार में जातीय गणना कराई गई, आरक्षण का दायरा बढ़ा, शिक्षकों की बहाली हो रही है, चार लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलेगा. महागठबंधन सरकार के कामकाज से बीजेपी डरी हुई है. मीडिया में बीजेपी तरह-तरह की अफवाह प्लांट करा रही है.

क्या फिर से पलटी मारेंगे नीतीश ? बिहार में राजनीतिक हलचल तेज, सियासी उलटफेर की अटकलें तेज

बिहार में सियासी उलटफेर की अटकलें तेज हो गई हैं। खासतौर से सत्तारूढ़ पार्टी जनता दल यूनाइटेड में जिस तरह की हलचल है, उससे सियासी पारा चढ़ा हुआ नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिनों के दिल्ली दौरे पर आ रहे हैं और माना जा रहा है कि अगले 48 घंटे में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। ऐसी भी खबर है कि नीतीश दिल्ली दौरे के दौरान कुछ बड़े नेताओं के साथ अनशेड्यूल्ड मीटिंग भी कर सकते हैं। अटकलों का बाजार इसलिए गर्म है कि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A से नाराज चल रहे हैं। वहीं जनता दल यूनाइडेट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के इस्तीफा देने और नीतीश द्वारा पार्टी की कमान खुद अपने हाथों में लेने की संभावना से जुड़ी खबरों की चर्चा भी सियासी गलियारों में हो रही हैं।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में होंगे शामिल

नीतीश की नाराजगी की वजह विपक्षी गठबंधन में उचित तवज्जो नहीं मिलना है। न तो प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर गठबंधन में अब तक उन्हें पसंद किया जा रहा है और न ही विपक्षी गठबंधन के संयोजक के तौर पर उनका नाम आगे आ रहा है। इसलिए नीतीश का नाराज होना स्वाभाविक है। नीतीश कुमार 28 दिसंबर को पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद 29 दिसंबर को नीतीश राष्ट्रीय कार्यकारिणी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में शामिल होंगे।

ललन सिंह और लालू-तेजस्वी से नाराजगी

सियासी उलटफेर की अटकलों के बीच नीतीश कुमार अपनी पार्टी के अध्यक्ष ललन सिंह से इसलिए नाराज हैं कि अध्यक्ष रहते वे उन्हें पीएम उम्मीदवार नहीं बनवा पाए। वहीं लालू से नीतीश की नाराजगी की ये वजह बताई जा रही है कि उन्होंने इंडिया गठबंधन की पीएम उम्मीदवार के लिए उनके नाम का प्रस्ताव नहीं रखा। अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि ललन सिंह पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं और नीतीश खुद पार्टी की कमान संभाल सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक विपक्षी गठबंधन इंडिया से भी जनता दल यूनाइटेड बाहर हो सकता है।

नीतीश की एनडीए में वापसी संभव नहीं-गिरिराज

उधर, बीजेपी के सीनियर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी अब संभव नहीं है। बीजेपी का दरवाजा उनके लिए बंद है। गिरिराज ने कहा कि नीतीश कुमार ने कुर्सी के चलते पलटते-पलटते अपने पूरे व्यक्तित्व को ही जमीन में मिला दिया। वहीं सुशील मोदी का कहना है कि नीतीश का यह स्वभाव है कि वे रह रहकर नाराज हो जाते हैं। आखिर राहुल गांधी को क्यों फोन करना पड़ा? पटना में प्रचार किया गया था कि वे विपक्षी गठबंधन के संयोजक बन सकते हैं। लेकिन लालू और तेजस्वी ने भी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं रखा।

एनडीए में शामिल कराने के लिए मैं पैरवी करूंगा-कुशवाहा

दूसरी ओर आरएलजेडी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का कहना है कि अगर नीतीश के एनडीए में शामिल होने की बात होगी तो इसका फैसला बीजेपी को करना है लेकिन मैं इसके लिए उनकी पैरवी जरूर करूंगा। उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि एनडीए छोड़कर आरजेडी के साथ जाना उनका आत्मघाती कदम था।

अचानक फैसला लेते हैं नीतीश कुमार

अब सारी निगाहें नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पर टिकी हुई है। क्योंकि नीतीश कुमार अचानक फैसले लेकर लोगों को हैरत में डालने के लिए जाने जाते हैं। 2022 में भी जब उन्होंने एनडीए का साथ छोड़ा था तब आखिरी वक्त तक बीजेपी के लोग भी उनके इस मंशा को भांप नहीं पाए थे। हो सकता है इस बार भी नीतीश कुमार ने कोई फैसला कर लिया हो और आखिरी वक्त तक उसके बारे में कुछ भी खुलासा करना नहीं चाहते हैं।

तेजस्वी यादव ने DMK नेता के बयान को निंदनीय बताया, जानें बिहार यूपी को लेकर क्या कहा

डीएमके सांसद दयानिधि मारन द्वारा बिहार-यूपी के लोगों को लेकर दिए गये विवादास्पद बयान के बाद राजनीति गरमा गई है. दयानिधी मारन के बयान की बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी निंदा की है और ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी है. तेजस्वी ने पटना में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डीएमके सामाजिक न्याय में विश्वास रखती है. उनके दल का कोई नेता बिहार-यूपी के लोगों को लेकर ऐसी बात करता है तो ये निंदनीय है. इससे हमलोग सहमत नहीं हैं.

तेजस्वी ने कहा कि बिहार-यूपी के लोगों चाहें वो मजदूर ही क्यों ने हो उनकी हर जगह, पूरे देश में डिमांड है. अगर बिहार-यूपी के लोग अन्य राज्यों में न जाएं तो उनकी जिंदगी ठप्प हो जाए. तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर वो जाति विशेष के लोगों को लेकर कहते कि वो नाला साफ कर रहे हैं तो कुछ बात होती लेकिन ऐसे बयान की मैं निंदा करता हूं.

तेजस्वी ने कहा कि नाला साफ करने को लेकर बयान कतई जायज नहीं है. तेजस्वी यादव ने कहा कि ऐसे बयान से हर किसी को चाहे वो किसी भी दल का क्यों न हो, हर कोई को बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये देश एक है. हमें हर राज्य के लोगों का सम्मान करना चाहिए और दूसरे राज्यों के लोगों से भी सम्मान की अपेक्षा करनी चाहिए.

डीएमके सांसद दयानिधि मारन के बयान पर बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश जी से मैं जानना चाहता हूं क्या जिस तरीके से दयानिधि मारन ने बिहार का अपमान किया है, बिहारियों का अपमान किया है क्या राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस पार्टी और जनता दल यूनाइटेड माफी मांगेग. इस तरह का अपमान भारतीय जनता पार्टी और बिहार के लोग किसी भी हालत में सहने का काम नहीं करेंगे दयानिधि को क्षमा मांगना चाहिए, माफी मांगना चाहिए.

DMK नेता के बयान पर तेजस्वी यादव बोले- बिहार-यूपी के लोग अन्य राज्यों में न जाएं तो उनकी जिंदगी ठप्प हो जाएगी

डीएमके सांसद दयानिधि मारन द्वारा बिहार-यूपी के लोगों को लेकर दिए गये विवादास्पद बयान के बाद राजनीति गरमा गई है. दयानिधी मारन के बयान की बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी निंदा की है और ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी है. तेजस्वी ने पटना में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि डीएमके सामाजिक न्याय में विश्वास रखती है. उनके दल का कोई नेता बिहार-यूपी के लोगों को लेकर ऐसी बात करता है तो ये निंदनीय है. इससे हमलोग सहमत नहीं हैं.

तेजस्वी ने कहा कि बिहार-यूपी के लोगों चाहें वो मजदूर ही क्यों ने हो उनकी हर जगह, पूरे देश में डिमांड है. अगर बिहार-यूपी के लोग अन्य राज्यों में न जाएं तो उनकी जिंदगी ठप्प हो जाए. तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर वो जाति विशेष के लोगों को लेकर कहते कि वो नाला साफ कर रहे हैं तो कुछ बात होती लेकिन ऐसे बयान की मैं निंदा करता हूं.

तेजस्वी ने कहा कि नाला साफ करने को लेकर बयान कतई जायज नहीं है. तेजस्वी यादव ने कहा कि ऐसे बयान से हर किसी को चाहे वो किसी भी दल का क्यों न हो, हर कोई को बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये देश एक है. हमें हर राज्य के लोगों का सम्मान करना चाहिए और दूसरे राज्यों के लोगों से भी सम्मान की अपेक्षा करनी चाहिए.

डीएमके सांसद दयानिधि मारन के बयान पर बिहार बीजेपी के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लालू प्रसाद और नीतीश जी से मैं जानना चाहता हूं क्या जिस तरीके से दयानिधि मारन ने बिहार का अपमान किया है, बिहारियों का अपमान किया है क्या राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस पार्टी और जनता दल यूनाइटेड माफी मांगेग. इस तरह का अपमान भारतीय जनता पार्टी और बिहार के लोग किसी भी हालत में सहने का काम नहीं करेंगे दयानिधि को क्षमा मांगना चाहिए, माफी मांगना चाहिए.