केरल पुलिस ने इस सप्ताह के प्रारंभ में छह साल की बच्ची का अपहरण कर 10 लाख रुपये की फिरौती मांगने के मामले में एक आरोपी, उसकी पत्नी और उनकी यूट्यूबर बेटी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दावा किया है कि गिरफ्तार परिवार कर्ज में डूबा हुआ था। वह जल्द धन अर्जित करना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बारे में लोगों को पता चलने पर आरोपियों ने बच्ची को कोल्लम में एक मैदान में छोड़ दिया। पुलिस ने बताया कि अभियांत्रिकी स्नातक पद्मकुमार, उसकी पत्नी अनीता कुमारी और यूट्यूबर बेटी अनुपमा पद्मान् को वैज्ञानिक, डिजिटल और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर हिरासत में लिया गया है।

फिरौती मांगने के दौरान पहचान ली आवाज

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एम आर अजीत कुमार ने बताया कि फिरौती के लिए हुई बातचीत के दौरान एक आरोपी की आवाज लोगों ने पहचान ली। उनके द्वारा दी गई सूचना ने आरोपियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई। इस सप्ताह के प्रारंभ में सामने आई अपहरण की इस घटना ने लोगों का ध्यान आकृष्ट किया था। अपहर्ताओं ने कोल्लम जिले में एक मैदान में इस बच्ची को छोड़ दिया था। पुलिस के मुताबिक इस अपरहण के पीछे की वजह कथित रूप से इस परिवार के वित्तीय हालात थे। अजीत कुमार ने पूयाप्पल्ली थाने के बाहर संवाददाताओं से कहा कि इस अपहरण की काफी बारीकी से साजिश रची गयी थी। आरोपी पिछले एक साल से इस अपराध की साजिश रच रहे थे और वे अपहरण के लिए एक उपयुक्त बच्चे की तलाश में थे। इसी थाने में यह मामला दर्ज किया गया है।

नहीं हो सका रुपयों का जुगाड़ तो उठाया ऐसा कदम

पद्मकुमार ने स्थानीय केबल टीवी नेटवर्क समेत कई कारोबार-धंधों में हाथ आजमाया था, लेकिन बताया जाता है कि कोविड के बाद वह लंबे वित्तीय संकट में था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसके बयान के अनुसार उसपर पांच करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। उसे तत्काल 10 लाख रुपये की जरूरत थी जिसकी वजह से इस परिवार ने यह अपराध किया। आरोपी ने दावा किया कि वह अन्य लोगों की कहानियों से प्रभावित था जिन्होंने इसी तरह के अपराधों के माध्यम से आसानी से पैसा कमाया था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अपहरण की योजना को अंजाम देने के प्रयासों के तहत उसने अपनी कार के लिए दो फर्जी नंबर प्लेट बनाईं। पुलिस को संदेह है कि अनीता कुमारी ने ही अपहरण की बात सुझाई होगी।

पहले भी किया था अपहरण का प्रयास

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आरोपियों ने पहले भी दो बार बच्ची को अगवा करने की कोशिश की लेकिन वे तब सफल नहीं हो पाये क्योंकि तब बच्ची अपनी मां और दादी के साथ थी। उन्होंने कहा कि 20 वर्षीय अनुपमा की सोशल मीडिया से अच्छी आमदनी हो रही थी लेकिन कुछ समय पहले तकनीकी कारण से वह कमाई रूक गई थी जिसके बाद यह परिवार पैसे कमाने के किसी अन्य आसान तरीके के बारे में सोचने के लिए प्रेरित हुआ। पहले मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने जांच में महत्वपूर्ण प्रगति की पुष्टि की थी। विजयन ने यहां संवाददाताओं से कहा था कि मुख्य आरोपी पुलिस हिरासत में हैं। विजयन ने आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस की सराहना की। उन्होंने कहा कि मामले में पुलिस ने बेहतरीन जांच की जिससे कम समय में ही आरोपियों को हिरासत में लेने में मदद मिली। मुख्यमंत्री ने इस घटना की जांच के संबंध में पुलिस की आलोचना करने के लिए विपक्षी दल कांग्रेस की भी निंदा की।


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