देश में सोशल मीडिया पर अक्सर यह चर्चा चलती रहती है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद मेडिकल सेक्टर के लिए क्या किया है? या फिर केंद्र सरकार ने 2014 के बाद कितने मेडिकल कॉलेज खोले हैं। सरकार से यही सवाल संसद में भी पूछा गया जिसका जवाब सामने आ गया है। सरकार ने मंगलवार को बताया कि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 2014 के बाद से एमबीबीएस सीटों में 112 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

‘PG की सीटें बढ़कर 70,674 हो गईं’

राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि इसी अवधि में PG मेडिकल सीटों की संख्या में 127 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों की संख्या 2014 में 387 से बढ़कर वर्तमान में 706 हो गई है और इसी अवधि में MBBS सीटें 51,348 से बढ़कर 1,08,940 हो गईं, जबकि PG सीटें 31,185 से बढ़कर 70,674 हो गईं। पवार ने कहा कि इसके अतिरिक्त, 157 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि इनमें से 108 कार्य कर रहे हैं।

‘यूपी में 27 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी’

पवार ने कहा कि कॉलेजों के निर्माण को 3 चरणों में मंजूरी दी गई है और इसके लिए फंडिंग केंद्र और राज्य सरकारों के बीच साझा किया गया है। मंत्री ने कहा कि योजना के दिशानिर्देशों के मुताबिक, परियोजनाओं की योजना, निष्पादन और कमीशनिंग राज्य सरकारों द्वारा की जानी है। इस योजना के तहत, उत्तर प्रदेश में 27 मेडिकल कॉलेजों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 13 कार्य कर रहे हैं। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि 28 नवंबर तक आयुष्मान भव अभियान के तहत 3 करोड़ से ज्यादा आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।

‘सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड यूपी में बने’

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मांडविया ने बताया कि सबसे ज्यादा आयुष्मान कार्ड उत्तर प्रदेश में बनाए गए हैं, उसके बाद महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश का नंबर आता है। आयुष्मान भव अभियान में ‘आयुष्मान – आपके द्वार 3.0’, ‘आयुष्मान मेला’ और ‘आयुष्मान सभा’ शामिल हैं। मांडविया ने कहा कि 28 नवंबर तक आयुष्मान भव अभियान के तहत 3,00,24,031 आयुष्मान कार्ड बनाए गए।


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