फिल्मों की कहानी को सीक्वल के जरिये आगे बढ़ाना इन दिनों फायदे का सौदा साबित हो रहा है। ऐसे में फिल्मकार प्रकाश झा भी साल 2010 में रिलीज हुई अपनी फिल्म राजनीति की कहानी को आगे बढ़ा रहे हैं। जिसे वह राजनीति भाग 2 कहकर संबोधित करते हैं। हालांकि, इस फिल्म का शीर्षक उन्होंने राजधर्म रखा है।

राजधर्म की कहानी

इस बारे में दैनिक जागरण से बातचीत में प्रकाश कहते हैं, ‘राजनीति भाग 2 को कई बार लिखा गया है। उसके अलग-अलग ड्राफ्ट बने हैं। कुछ दिन उसकी कहानी लिखता हूं, फिर रख देता हूं। फिर 10-15 दिन अलग काम करता हूं। कभी न कभी वह कहानी खुद कहने लगती है कि मुझे बनाओ। अपने आप मेच्योर हो जाती है। राजधर्म की कहानी भी वैसी ही है।’

आज की राजनीति से फिल्म कितनी प्रभावित होगी? इस पर प्रकाश कहते हैं कि राजनीति जब बनाई थी, तो उस वक्त भी उस दौर की राजनीतिक माहौल से कुछ लिया नहीं था। सारे किरदार महाभारत से प्रेरित थे। उसे राजनीति के फोल्डर में डाला था। आज भी है, वैसा ही है। बस रेफरेंस अलग हो जाते हैं, उस वक्त समाज उदार था। अब चीजें दो गुटों में बंट जाती हैं। उसका असर राजनीति भाग 2 में आएगा। बाकी संघर्ष तो विचारधाराओं और रहने के तरीके का है, जो दिखेगा।

इसलिए बदला नाम

शीर्षक राजनीति 2 न रखने की वजह बताते हुए आगे प्रकाश कहते हैं कि राजनीति फिल्म का शीर्षक डिज्नी वालों के पास चला गया है। मैंने उनसे जब पूछा तो उन्होंने ने कहा कि नहीं हम नहीं देंगे। मेरा ही बनाया हुआ है, खैर नहीं दिया तो कोई बात नहीं मैंने राजधर्म नाम रख दिया। फिल्म का पूरा नाम है राजधर्म – द अल्टीमेट पॉलिटिक्स होगा।