हर कोई जानता है कि शादी जिंदगी का सबसे बड़ा समर्पण है। दो जिंदगियां ही एक-दूसरे की नहीं होती, बल्कि दो परिवारों और संस्कृतियों का भी मेल इस रिश्ते में देखने को मिलता है। दूसरी ओर आजकल एक ऐसा रिश्ता भी खासा चलन पकड़ रहा है, जिसका पारिवारिक भावनाओं से कोई लेना-देना नहीं होता। पंजाब के युवाओं की विदेश में सैटल होने की चाहत को अब आईईएलटीएस पास कर बड़े बैंड पाने वाली लड़कियां पूरा कर रही हैं। ये पति बनकर विदेश तो जरूर चले जाते हैं, लेकिन वहां जाने के तुरंत बाद अजनबी हो जाते हैं। सात फेरे लेकर सात जन्म साथ निभाना तो दूर की बात, बिना सुहागरात के ही यह रिश्ता दम तोड़ देता है। अनिवासी भारतीय लड़कियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट मैरिज का यही सच है। गजब की बात तो यह है कि इस हकीकत को जानते हुए भी पंजाबी आए दिन धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। अब ऐसे मामलों से निपटने के लिए प्रदेश की सरकार ने आगे की रणनीति पर विचार शुरू कर दिया है।

दरअसल, पंजाब के युवाओं का विदेश में बसने का सपना काफी पुराना है, लेकिन आईईएलटीएस परीक्षा पास करना ज्यादातर युवाओं के बस की बात नहीं है। वह एक जरूरतमंद परिवार की लड़की की तलाश में है जो आईईएलटीएस पास करने के बाद पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहती हो। ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई करना चाह रहे भारतीय लड़के-लड़कियों के आईलेट्स में 6.5 बैंड हासिल करना जरूरी पहलू होता है। पंजाब के जो नौजवान यह परीक्षा पास नहीं कर पाते, वो ऐसी लड़कियों की तलाश करते हैं, जो इसे पास कर चुकी हैं। इसके बाद लड़कियों को स्पाउस वीजा पर विदेश भेजने का सारा खर्च लड़के के परिवार वाले ही उठाते हैं। ऐसी लड़कियों के साथ लड़के के परिवार वाले अपने लड़कों की कॉन्ट्रैक्ट मैरिज कराते हैं और विदेश में लड़की की पढ़ाई पर लाखों रुपए भी खर्च करते हैं।

यह पहले से ही तय था कि लड़की वहां पहुंचने के बाद अपने पति को स्पाउस वीजा पर विदेश बुलाएगी। हालांकि, विदेशी धरती पर पहुंचते ही लड़की के इरादे बदल जाते हैं। वह अपने लिए एक नया साथी ढूंढती है। ऐसे में युवाओं को अपने देश में ही रहना चाहिए। कई बड़े घरानों के लोग भी इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इसके पीछे कई कारण हैं। जब लड़कियां अधिक पढ़ी-लिखी होती हैं और लड़के उनसे कम पढ़े-लिखे होते हैं तो वे एक-दूसरे से मेल नहीं खाते। इसमें आर्थिक और सामाजिक मुद्दे जैसे कई मुद्दे भी शामिल हैं। जानकारों के मुताबिक इन लड़कियों की वजह से कई घरों को अपनी जमीन-जायदाद से हाथ धोना पड़ा है।

पंजाब में एनआरआई लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार द्वारा एनआरआई पुलिस स्टेशन स्थापित किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक इस वर्ष विभिन्न प्रकार के मामलों से संबंधित लगभग 4000 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनका निस्तारण किया जा रहा है। विभाग को कुल 40 हजार शिकायतें मिली हैं। इनमें से 36,000 का निपटारा हो चुका है। वहीं 2017 से 2023 तक पंजाब के 15 एनआरआई थानों में 277 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं, जिनमें विदेश जाते ही पंजाबी लड़कों को उनकी पत्नियों ने पराया कर दिया।

पंजाब पुलिस की एनआरआई विंग को 2017 में 27, 2018 में 50, 2019 में 31, 2020 में 30, 2021 में 40, 2022 में 62 तो 2023 में ऐसी 37 शिकायतें मिली हैं। सबसे बड़ा आंकड़ा 2022 का रहा। एरियावाइज बात करें तो लुधियाना में पिछले छह साल में लड़कियों को धोखा देने की 150 शिकायतें मिली हैं, जो पूरे राज्य के किसी भी दूसरे जिले से कई लगभग 10 से 12 गुणा ज्यादा हैं। मोगा के एनआरआई थाने में 19, मोहाली में 16, बठिंडा में 15, अमृतसर में 13 और फिरोजपुर में 12 शिकायतें आई हैं।

हालांकि इनमें से कई मामले सुलझा भी लिए गए हैं। अब पंजाब की भगवंत मान सरकार ने इन मामलों को निपटाने की तैयारी शुरू कर दी है। संभावना है कि जल्द ही यह मामला केंद्र सरकार के सामने रखा जाएगा। उधर, इस बारे में प्रवासी भारतीय मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल का कहना है कि पिछले दो-तीन साल में लड़कियों को धोखा देने के मामले बढ़े हैं। राज्य सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है।


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