पश्चिमी चंपारण जिला से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गौनाहा प्रखंड में एक ऐसा विद्यालय है, जो बिहार के सरकारी स्कूलों के लिए रोल मॉडल है. यह सरकारी स्कूल किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है. स्कूल में लड़कों के अपेक्षा लड़कियों की संख्या ज्यादा हैं. इस स्कूल में 80 प्रतिशत बालिकाओं की उपस्थिति है।

सरकारी स्कूल में प्राइवेट वाली सुविधा

गौनाहा प्रखंड का ये राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिठ्ठी है. यह विद्यालय किसी प्राइवेट विद्यालय से कम नहीं है. राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय सिठ्ठी में दो भाषाओं में स्मार्ट क्लास चलती है. इस विद्यालय को देखकर दूसरे विद्यालय को सीख लेने की जरूरत है. यह गौनाहा प्रखंड के सुदूर क्षेत्र में स्कूल संचालित हो रहा है. पूरा क्षेत्र थारू बहुल इलाका है।

शिक्षकों को निरीक्षण का डर नहीं

अभी शिक्षा विभाग के सचिव केके पाठक कहीं भी पहुंचकर औचक निरीक्षण कर रहे हैं, जिससे शिक्षकों में हड़कंप है, लेकिन यहां के शिक्षकों को इसकी तनिक भी चिंता नहीं है. अधिकारी जब चाहे आ सकते हैं. क्योंकि यहांं पूरी ईमानदारी से यहां के शिक्षक स्कूल संचालित कर रहे हैं।

दो भाषाओं में चलती है स्मार्ट क्लास

इस विद्यालय में दो अलग-अलग क्लासरूम बनाए गए हैं. जिस क्लास रूम में दो अलग-अलग भाषाओं में स्मार्ट क्लास चलाई जाती है. स्मार्ट क्लास के जरिए बच्चों को शिक्षा दी जाती है. बच्चों को स्मार्ट क्लास के जरिए शब्दों को सरल भाषाओं में समझाया जाता है. जिसे लेकर बच्चों में उत्सुकता रहती है. कुछ सीखने की ललक रहती है. यह बच्चे स्कूल में पहुंचकर खुश रहते हैं कि हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है. किसी भी शब्द को आसानी से समझाया जाता है।

क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक?

स्कूल के प्रधानाध्यापक फेगू राम ने बताया कि “यहां पर बच्चों के नामांकन के अनुसार स्कूल में 80 % के करीब विद्यार्थियों की उपस्थिति रहती है. इस विद्यालय में लड़कों से ज्यादा लड़कियों की उपस्थिति है. दो भाषाओं में स्मार्ट क्लास चलाई जाती है. प्रतिवर्ष 8-10 लड़कियां मेधा छात्रवृत्ति भी निकलती है और बच्चे खेलकूद में भी आगे रहते हैं. इस विद्यालय में पूरी ईमानदारी से हम लोग खुद पढ़ाते हैं. ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण अच्छी शिक्षा मिल सके.”

“इस विद्यालय के शिक्षक यहीं के हैं. वह अपने स्कूल के बच्चों को अपने बच्चों की तरह समझते हैं और उसी तरह उन्हें पढ़ाते भी हैं. यही कारण है कि समय अनुकूल बच्चों को अच्छी शिक्षा दी जाती है और स्मार्ट क्लास के जरिए इन बच्चों को पढ़ाया जाता है.”- राजेश गढ़वाल, गौनाहा प्रखंड के उपप्रमुख


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.