तेलंगाना की प्रमुख पार्टी भारत राष्ट्र समिति (BRS) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी के नेता और प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी. राजैया ने शनिवार को बीआरएस से इस्तीफा दे दिया। पूर्व विधायक ने ऐलान किया कि उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों ने बताया कि राजैया के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है। हाल के विधानसभा चुनावों में राज्य में कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवाने के बाद राजैया BRS छोड़ने वाले पहले प्रमुख नेता हैं।

2023 के चुनाव में पार्टी से नहीं मिला टिकट

KCR की पार्टी BRS को यह झटका लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले लगा है। राजैया कथित तौर पर तब से नाखुश थे, जब बीआरएस नेतृत्व ने उन्हें जनगांव जिले के घनपुर (स्टेशन) निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी का टिकट देने से इनकार कर दिया था। बीआरएस ने राजैया के प्रतिद्वंद्वी कादियाम श्रीहरि को मैदान में उतारा था, जो पूर्व डिप्टी सीएम भी थे। राजैया को शांत करने के लिए बीआरएस अध्यक्ष और तत्कालीन मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव ने उन्हें रायथु बंधु समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन बीआरएस के सत्ता खोने के साथ उनकी खुशी काफूर हो गई।

BRS के मौजूदा हालात पर जताया असंतोष

चूंकि राज्य में कांग्रेस की लहर होने के बावजूद श्रीहरि ने सीट जीत ली, राजैया को पार्टी में और भी अलग-थलग महसूस हुआ। राजैया ने बीआरएस के मौजूदा हालात पर असंतोष जताया और कहा कि उन्हें पार्टी में हाशिए पर रखा गया है। राजैया ने अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में तो नहीं बताया, लेकिन कांग्रेस के लिए उनकी प्रशंसा से संकेत मिलता है कि वह जल्द ही सबसे पुरानी पार्टी में शामिल होंगे। उन्होंने याद दिलाया कि वह 15 साल तक कांग्रेस में थे और तेलंगाना के लिए कांग्रेस फोरम के सदस्य के रूप में उन्होंने तेलंगाना के लिए अलग राज्य की मांग के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी।

भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद मंत्रिमंडल से निकले

राजैया पहली बार 2009 में घनपुर (स्टेशन) विधानसभा सीट से चुने गए थे। तब से वह इस सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद वह दो डिप्टी सीएम में से एक बने और उन्हें स्वास्थ्य विभाग आवंटित किया गया था। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद केसीआर ने 2015 में राजैया को मंत्रिमंडल से हटा दिया। केसीआर ने उन्हें 2018 में फिर से उसी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतारा, और हालांकि उन्होंने सीट बरकरार रखी, लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। केसीआर की ओर से 2023 के चुनावों में श्रीहरि को मैदान में उतारने का फैसला करने के बाद राजैया अपने समर्थकों के सामने रोने लगे थे।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.