दुर्गा पूजा (Durga Puja) को लेकर पटना में इस बार खास तैयारी की गई है. दुर्गा पूजा में इस बार राजधानी पटना में पंडाल को खूब सजाया गया है और खास मूर्तियां भी देखने को मिलेगी. पटना के पांच पूजा पंडालों में अलग-अलग तरह की मूर्तियां देखने को मिलेगी. पिछले 15 सालों से अलग तरह की मूर्तियां बनाने वाले दो भाई जितेंद्र और चंदन ने पांच पूजा पंडाल के लिए अलग मूर्तियां बनाकर तैयार किया है. आज सभी मूर्तियों को पूजा पंडालों में भेजी जाएंगी.

अलग-अलग जीजों से बनी हैं मूर्तियां

जितेंद्र ने बताया कि दवा और दवा के कवर से पहली मूर्ति बनी है जो अमरूदी गली मछुआ टोली पूजा समिति के पंडाल में देखने को मिलेगी. दूसरी पान मसाला की मूर्ति है. इस मूर्ति को बनाने में कई तरह के मीठा पान मसाला का इस्तेमाल किया गया है जो नाथुन गली मुसल्लहपुरहाट के दुर्गा पूजा समिति के पंडाल में स्थापित होगी. तीसरी मूर्ति ड्राई फ्रूट्स से बनाई गई है. इसमें काजू, किशमिश, बादाम, अखरोट, सौंफ सभी तरह के ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल कर मूर्ति को तैयार की गई है. यह मूर्ति मुसल्लहपुर चाय टोला दुर्गा समिति के पंडाल में स्थापित होगी.

‘पांचवी मूर्ति मोर पंख से बनी है’

आगे मूर्तिकार ने कहा कि चौथी मूर्ति चूड़ा से बनाई गई है. इस पूरे मूर्ति में चूड़ा का इस्तेमाल किया गया है. इस मूर्ति बाईपास के नया चौक दुर्गा पूजा समिति के पंडाल में स्थापित की जाएगी. पांचवी मूर्ति मोर पंख से बनी है, जो काली जी की मूर्ति है. इस पूरे मूर्ति में मोर पंख लगाया गया है जो देखने में काफी खूबसूरत है. इस मूर्ति को भंवर पोखर सब्जी बाग दुर्गा पूजा समिति के पंडला में स्थापित की जाएगी.

मटेरियल आयोजक देते हैं- मूर्तिकार

कारीगर चंदन ने बताया कि सभी मूर्तियां कागज, पुआल और मैदा से बनाई गई है. इसमें मिट्टी का इस्तेमाल नहीं किया गया है, जिस चीज की मूर्ति बनाई जाती है इसका मटेरियल आयोजक देते हैं. हम लोग पुआल, कागज और मैदा लगाते हैं और मजदूरी लेते हैं. मटेरियल छोड़कर सभी मूर्तियां 12 से 16000 की है.


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.