बिहार के गया में रविवार (10 दिसंबर) को एक बड़ा हादसा हो गया. जिले के मोहनपुर प्रखंड की अमकोला पंचायत के मसौंधा गांव में बोरवेल में ढाई साल की बच्ची गिर गई. बोरवेल की गहराई करीब 105 फीट है. हादसे की सूचना पर परिवार वालों में कोहराम मच गया. ढाई साल की बच्ची का नाम आकांक्षा है. वह खेलने के लिए निकली थी तभी बोरवेल में जा गिरी. गड्ढे में गिरने के बाद घर के लोगों को तब जानकारी हुई जब बच्ची की रोने की आवाज आई. लाख कोशिशों के बाद भी उसे नहीं बचाया जा सका.

घटना के संबंध में बताया जाता है कि राजेंद्र यादव के निजी घर में बोरवेल कराया जा था. हालांकि इससे पानी नहीं निकला तो खुला ही छोड़ दिया गया था. दूसरे स्थान पर बोरवेल किया जा रहा था. बोरवेल नहीं ढके होने के कारण बच्ची गिर गई. घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ लग गई. स्थानीय स्तर पर जेसीबी से बच्ची को निकालने की कोशिश की गई थी लेकिन सफलता नहीं मिली.

बच्ची को बचाने के लिए पटना से रवाना हुई थी रेस्क्यू टीम

आनन फानन में घटना की सूचना पटना में वरीय अधिकारियों को दी गई. इसके बाद पटना से एनडीआरएफ की टीम गया के लिए रवाना हो गई. घटनास्थल पर एंबुलेंस के साथ मेडिकल टीम भेजी गई. हालांकि बच्ची की जान नहीं बच सकी.

पिता ने कहा- ऑक्सीजन की आपूर्ति होती तो बच जाती जान

घटना को लेकर बच्ची के पिता अरविंद यादव ने बताया कि रविवार की दोपहर एक बजे बच्ची गिरी थी. 105 फीट गहरा बोरिंग कराने बोरवेल किया गया था. तीन घंटे फंसे रहने के बाद बच्ची की मौत हो गई. गांव तक पहुंचने के लिए खराब रास्ता होने के कारण रेस्क्यू टीम को आने में परेशानी हुई थी. उन्होंने बताया कि अगर बोरवेल के अंदर समय से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो जाती तो शायद यह घटना नहीं होती.

बच्ची की मौत से पहले गया के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा था कि सूचना मिलने के बाद मोहनपुर के बीडीओ और थाने की पुलिस को भेजा गया. आपदा विभाग के अपर मुख्य सचिव से बात की गई जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम गया के लिए रवाना हो गई. एंबुलेंस और मेडिकल टीम को भी घटनास्थल पर भेजा गया.


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