जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. इसकी चर्चा शुरू हो गई है. कहा तो यह भी जा रहा है कि उन्होंने अपना इस्तीफा सीएम नीतीश कुमार को सौंप दिया है लेकिन मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया है. लोकसभा चुनाव तक उस पद पर ललन सिंह को रहने के लिए कहा है. हालांकि जेडीयू की ओर से इस्तीफे वाली बात का खंडन कर दिया गया है, लेकिन इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है. आरएलजेडी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने ललन सिंह को लेकर मंगलवार (26 दिसंबर) को बड़ा बयान दिया है.
‘चार बैठक के बाद कन्वीनर भी नहीं बन सके नीतीश’
कभी नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के इस्तीफे की चर्चा के बीच कहा कि ललन सिंह सभी मामलों में फेल हो गए हैं. यही वजह है कि वह खुद इस्तीफा दे रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ललन सिंह नीतीश कुमार को बड़े-बड़े सपने दिखाए कि आप प्रधानमंत्री बन जाइएगा, लेकिन इंडिया गठबंधन की चार बैठक हुई और उन्हें कन्वीनर भी नहीं बनाया गया. इससे ललन सिंह हताश हैं और वह इस मामले में फेल हो गए हैं.
‘जेडीयू का आरजेडी में विलय कराने वाले थे ललन सिंह’
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि ललन सिंह ने लालू प्रसाद यादव को भी आश्वासन दिया था कि वह जेडीयू का आरजेडी में विलय करवा देंगे, जिसके उसके बाद तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बन जाएंगे, लेकिन ललन सिंह ने लालू यादव को जो सपना दिखाया था उसमें भी वह फेल हो गए. अब लालू और नीतीश दोनों के मामले में ललन सिंह जब फेल हो गए तो वह अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए इस्तीफा देने जा रहे हैं.
आरएलजेडी सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा ने आगे कहा कि ललन सिंह के इस्तीफे के बारे में वह कुछ नहीं जानते. जो चर्चा हो रही है वह उस पर बात कर रहे हैं. बता दें कि 29 दिसंबर को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राष्ट्रीय परिषद की बैठक होनी है. बैठक से पहले ललन सिंह के इस्तीफे की खबर ने सबको चौंका दिया है. हालांकि जेडीयू कोटे से मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसका खंडन कर दिया है.
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