हिंदू धर्म के अनुसार, जब लोग अपना शरीर त्याग कर चले जाते हैं, तब उनकी आत्मा की शांति के लिए श्रद्धा से पिंडदान और तर्पण किया जाता है, उसे श्राद्ध कहते हैं। श्राद्धकर्म करना पितरों की आत्मा की शांति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। गया जी में पिंडदान करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है इसलिए इस स्थान को मोक्ष स्थली भी कहा जाता है। मान्यता है कि गया जी में भगवान विष्णु स्वयं पितृदेव के रूप में निवास करते हैं।

गया जी में फल्गु नदी के तट पर भगवान राम और माता सीता ने भी राजा दशरथ की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किया था। गया जी में श्राद्ध कर्म और तर्पण विधि करने से व्यक्ति पितृऋण से मुक्त हो जाता है। इस कारण गया जी देष भर में हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थली है। जहां पिण्डदान करने देश एवं विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु/पर्यटकों का आगमन होता है। यहाँ प्रतिवर्ष 40-50 लाख घरेलू पर्यटक तथा 40-50 हजार विदेशी पर्यटकों का आगमन होता है। प्रतिवर्ष निरंतर इसकी संख्या में वृद्धि होना संभावित है।

मेला में आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों को उच्च गुणवत्तापूर्ण पर्यटकीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु उस क्षेत्र में नये पर्यटकीय संरचनाओं का निर्माण कार्य किया जाना आवश्यक है। इससे पर्यटकों को उच्च गुणवत्तापूर्ण सुविधा प्राप्त होगी तथा उन्हें सुखद अनुभूति की प्राप्ति होगी। इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी, साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार एवं व्यापार की संभावनाएं भी सृजित होगी।

पर्यटन विभाग द्वारा इस स्थल पर इसके अन्तर्गत तीर्थयात्रियों के बैठने की सुविधाओं के साथ मुख्य भवन का निर्माण, रिवर फ्रन्ट से मुख्य मंदिर तक 42 मीटर पथ का निर्माण, कैनोपी, शौचालय, पीने की पानी की सुविधा, पाथवे का विकास, पार्किंग क्षेत्र के पास पर्यटक सुविधा केन्द्र एवं बस डिपो का निर्माण इत्यादि का निर्माण प्रस्तावित है।

जल संसाधन विभाग द्वारा विष्णुपद मंदिर, गया तक वैकल्पिक पहुँच पथ के निर्माण के साथ-साथ घुंघरीटांड बाईपास ब्रीज से मुक्तिधाम तक फल्गु नदी के बायें तट पर बाँध सुरक्षात्मक तथा एकीकृत जल निकासी कार्य इत्यादि से संबंधित कार्य की स्वीकृति की कार्रवाई अपने स्तर से की जा रही है।

पथ निर्माण विभाग द्वारा पार्किंग, ड्रेन एवं मनसरवा नाला में रोड का निर्माण, मनसरवा नाला से उच्च पथ से सम्पर्क पथ का निर्माण एवं विकास इत्यादि से संबंधित कार्य की स्वीकृति की कार्रवाई अपने स्तर से की जा रही है। मंत्रिपरिषद् द्वारा गया जिलान्तर्गत विष्णुपद मंदिर में पाथवे-सह-शेड भवन, संरचना एवं मंदिर के लिए अल्टरनेटिव एप्रोच पथ एवं बस डिपो के निर्माण हेतु प्राक्कलित राशि 61,96,79,000/-(एकसठ करोड़ छियानवे लाख उनासी हजार) रूपये मात्र की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी है।


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