पाकिस्तान अरबों-खरबों डॉलर की खैरात पाकर भी पाई-पाई का मोहताज बना हुआ है. महंगाई आसमान छू रही है. बेराजगारी दर चरम पर है. लोग हाहाकार कर रहे हैं. 40 फीसदी से ज्यादा आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर कर रही हैं. तीन महीने पहले मिली विदेशी मदद से भले ही उसके दिवालिया होने का खतरा कुछ दिन के लिए टल गया हो लेकिन ‘अंदरूने मुल्क’ से कुछ अच्छी खबरें नहीं आ रही हैं. दरअसल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 12 जुलाई को पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर के कर्ज को मंजूरी उस वक्त दी थी जब IMF और PAK एक स्टैंड-बाई व्यवस्था पर पहुंचे थे.

सुधर जाओ वरना और बदतर होंगे हालात: World Bank

‘द फाइनेंशियल पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का हाल बेहाल है. लंबे समय से जारी राजनीतिक संकट के बीच चुनाव होने वाले हैं. आर्थिक स्तर पर उसका सत्यानाश तो पहले ही हो चुका है. लोग गले तक कर्ज में डूबे हैं. आटा-चावल-सिलेंडर-दवाई का टोटा है. पाकिस्तान का भविष्य तक खतरे में हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि स्कूल न जाने के मामले और स्कूल ड्रॉप आउट के मामले में पाकिस्तान  काफी आगे है.

वहां प्रति व्यक्ति आय दक्षिण एशिया के देशों की तुलना में सबसे कम है. ऐसे में वर्ल्ड बैंक (World Bank) ने पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर वो अपनी नीतियों को लेकर फौरन नहीं सुधरा तो हालात और बदतर हो जाएंगे.

केयर टेकर सरकार भी नाकाम

वर्ल्ड बैंक का मानना है कि विकास का मौजूदा मॉडल पाकिस्तान में गरीबी को कम नहीं कर सकता है. पाकिस्तान के हालिया आंकड़े बताते हैं कि गरीबी 34 फीसदी से बढ़कर 40 फीसदी हो गई है. इससे जुड़ी रिपोर्ट में ये कहा गया है कि पाकिस्तान की केयरटेकर सरकार लोगों की परेशानियों पर अंकुश लगाने में नाकाम रही रही है. पाकिस्तान अब भी मुद्रास्फीति, फ्यूल की कमी, बिजली की बढ़ती कीमतें जैसी आर्थिक मुसीबतों से जूझ रहा है.

कहीं ये वजह तो नहीं?

इस देश की हर समस्या की वजह बड़ी गंभीर और सियासी हैं. क्योंकि पाकिस्तान में कोई भी सरकार समाधान लाने में विफल रही है. ज्यादा पुराने अतीत में न जाकर थोड़ा पीछे की बात करें तो इमरान खान की पीटीआई सरकार से लेकर पिछली शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार तक का प्रशासन विदेशी खैरात (बेलाआउट पैकेज और लोन) मिलने के बावजूद अपने लोगों की दशा और दिशा सुधारने में नाकाम रहा है. ऐसे में वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को आंकड़ों के हवाले से गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है.


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