हिंदू पंचांग के अनुसार, कल यानी 15 अक्टूबर 2023 दिन शनिवार को शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहा है। हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का अधिक महत्व होता है। शारदीय नवरात्रि आश्विन माह के प्रतिपदा तिथि को शुरू होकर नवमी को समाप्त होती है। शास्त्र कों के अनुसार, नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के नव स्वरूपों में से शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त कब है, मां शैलपुत्री की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और प्रिय भोग के बारे में विस्तार से जानेंगे। तो आइए जानते हैं।

कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, नवरात्रि के प्रतिपदा तिथि को अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना शुभ माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 38 मिनट से लेकर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। यानी कलश स्थापना का समय 45 मिनट का होगा।

मां शैलपुत्री की पूजा का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, नवरात्रि के प्रतिपदा तिथि के दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री की पूजा कलश स्थापना होने के बाद यानी सुबह के 11 बजकर 38 मिनट से दोपहर के 12 बजकर 23 मिनट के बीच में कर सकते हैं।

मां शैलपुत्री की पूजा विधि

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी पूजा में विधि-विधान का बहुत महत्व होता है। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन यानी मां शैलपुत्री की पूजा के लिए सबसे पहले प्रातकाल उठकर स्नान करें। इसके बाद मां दुर्गा का ध्यान करते हुए कलश स्थापना करें और मां शैलपुत्री को कुमकुम और अक्षत अर्पित करें। अक्षत अर्पित करने के बाद मां का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें। मंत्र का जाप करने के बाद मां शैलपुत्री को सफेद फूल अर्पित करें और आरती उतारकर भोग लगाएं।

मां शैलपुत्री का प्रिय भोग

शास्त्र के अनुसार, मां शैलपुत्री को सफेद दिखने वाले खाद्य पदार्थ जैसे खीर, चावल सफेद मिठाई आदि इन चीजों का भोग अर्पित करें। इसके साथ ही आप गाय के घी का भोग भी लगा सकते हैं।


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