पूरे देश में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह देखा जा रहा है. इस बीच प्राण प्रतिष्ठा के पूजन के सामग्रियों को बनाने की अंतिम तैयारियां जोरों पर है. तमाम सामग्रियों के बीच प्राण प्रतिष्ठा में प्रयोग में होने वाले यज्ञ पात्र भी लगभग बनकर तैयार हो गया है, जिसका अंतिम रूप दिया जा रहा है. वाराणसी में तैयार हो रहा यह यज्ञ पात्र काष्ठकला द्वारा निर्मित किया जा रहा है, जिसकी जिम्मेदारी लक्ष्मी कांत दीक्षित द्वारा वाराणसी के रामकटोरा स्थित काष्ठकला कारीगरी को दिया गया है.

अयोध्या में रामलाल के प्राणप्रतिष्ठा में अब चंद दिन ही बाकी हैं. काशी में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां भी जोरों पर है. भगवान श्री राम के आराध्य शिव की नगरी काशी से न सिर्फ तीर्थ पुरोहित जाएंगे बल्कि प्राण प्रतिष्ठा में होने वाले यज्ञ आहुतियां की सामग्री भी काशी से अयोध्या जाएंगी.

प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयार हो रहे खास यज्ञपात्र

वेद पुराणों में उल्लेखित नियम और मान्यताओं के अनुसार लकड़ियों से निर्मित शंख, पदम्,अरणी मंथन, मंडप पर लगने वाले गदा चक्र शामिल हैं, जो 9 ग्रह की लकड़ियों पर तराशी जा रही है. स्थानीय काष्ठकला शिल्पी सूरज विश्वकर्मा को इस ऐतिहासिक काम को पूर्ण करने की जिम्मेदारी दी गई है. सूरज ने बताया कि कुल 10 सेट यज्ञ पात्र प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए तैयार किया जा रहे हैं.

हर सेट में 5 सामग्रियां होंगे जिनमें घी की आहुति के लिए सुवा,पूर्णाहुति के लिए सुरची, जल पात्र के लिए प्रणीता, घी पात्र के लिए प्रोक्षणी और वेदी का लेख खींचने के लिए खड़क है. शिव की नगरी काशी लगातार रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में अपनी मुख्य जिम्मेदारी निभा रही है. काशी शुभ मुहूर्त से लेकर पुरोहित और अब यज्ञ पात्र को लेकर रामलला के प्राण प्रतिष्ठा की गवाह बनेगी.


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