बक्सर से टिकट कटने के बाद सांसद अश्विनी चौबे बमक गये हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे अश्विनी चौबे ने टिकट कटने पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। इस दौरान उनका दर्द भी बाहर आ गया और हुंकार भरते हुए कहा कि बक्सर में अंत में मैं ही रहूंगा। षड़यंत्रकारी ध्वस्त हो जाएंगे। अभी नामांकन बाकी है और बहुत कुछ होने वाला है। मैं टिकट का लोभी नहीं हूं लेकिन जेपी सेनानी हूं लिहाजा चुप नहीं बैठने वाला।

‘अश्विनी चौबे कोई गाजर-मूली नहीं कि….’

मीडिया से बात करते हुए अश्विनी चौबे ने कहा कि बक्सर को मैंने एक उचित स्थान पर पहुंचाया है। अश्विनी चौबे को कोई गाजर-मूली नहीं है कि कोई मुझे हिला दे या कोई चबा जाए। मैं कोई दलबदलू नहीं हैं। मैं गेरुआ रंग से ही रंगा हुआ हूं। पार्टी में कुछ षड़यंत्रकारी थे, जिस कारण से मेरा टिकट कटा है। अभी नामांकन बाकी है और बहुत कुछ होने वाला है। जो षड़यंत्रकारी हैं, वो चुनाव के बाद नंगे हो जाएंगे। जो भी होगा मंगल हो, अमंगल नहीं होने वाला।

“नहीं है मेरा कोई विकल्प”

इसके साथ ही अश्विनी चौबे ने कहा कि मेरा कोई विकल्प नहीं हो सकता है। मैंने कभी किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया है और आगे भी नहीं फैलाऊंगा। मैंने सत्य बोला है इसलिए मेरी टिकट कट गयी है। मैं ब्राह्राण हूं इसलिए मेरा टिकट कट गया। नकली लोगों के ब्राह्मण बन जाने से वे ब्राह्मण नहीं हो जाते। अश्विनी चौबे ने कहा कि बक्सर में अंत में मैं ही रहूंगा। षड़यंत्रकारी ध्वस्त हो जाएंगे।

“टिकट का लोभी नहीं…चुप नहीं बैठने वाला”

इसके साथ ही अश्विनी चौबे ने हुंकार भरते हुए कहा कि मैं जेपी आंदोलन का सिपाही हूं और संघर्ष ही हमारा जीवन है। मैं टिकट का लोभी नहीं हूं लेकिन मैं चुप नहीं बैठने वाला। जहां तक टिकट कटने की बात है तो हमलोग टिकट बांटने वाले लोगों में से थे। मेरा टिकट नहीं कटा है बल्कि पार्टी ने मुझे सम्मान दिया है।

इसके साथ ही अश्विनी चौबे ने कहा कि मैंने कभी पराजय का मुंह नहीं देखा है। आज बहुत सारे लोग गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं लेकिन मैं रंग बदलने वालों में नहीं हूं। आप देखते रहिए कुछ दिनों में क्या होगा, मुझे भी पता नहीं है।

इसके पहले अश्विनी चौबे ने कहा था कि मेरा कसूर सिर्फ यही है कि मैं एक फकीर हूं। मेरा कसूर सिर्फ यही है कि मैं उस समाज से आता हूं, जहां बाहर में लोग कहते हैं कि आप ब्राह्राण समाज से आने के नाते टिकट कट गया लेकिन मैं ऐसा नहीं मानता हूं। उन्होंने दो टूक अंदाज में कहा कि मैं ऐसा कभी नहीं सोचता। मैं तो पार्टी का कार्यकर्ता, संघ का स्वयंसेवक और लगातार राष्ट्रसेवा में लगा रहा। उन्होंने कहा कि बात टिकट काटने का नहीं है। पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है और मुझे पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है। संघर्ष और सत्य ही हमारे जीवन की पूंजी रही है। बचपन में भी मैं किसी के सामने हाथ नहीं फैलाया है तो अब क्या हाथ फैलाऊंगा।

इसके साथ ही अश्विनी चौबे ने कहा कि बक्सर सीट पर मुझे नहीं मालूम की क्या होने वाला है लेकिन इतना तो मैं कह सकता हूं कि मैं हमेशा सक्रिय राजनीति में जुड़ा रहा हूं और अगले पांच साल तक सक्रिय राजनीति में जुड़ा रहूंगा। पीएम मोदी का मुझपर भरोसा है। मेरा कसूर यही है कि मैं फकीर हूं और मैं कभी अपने परिजन के लिए या कभी अपने गरीबों के लिए कुछ मांग नहीं की है। उसके बावजूद मेरा टिकट काट दिया गया तो इस बारे में मैं कुछ नहीं कर सकता।