पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने आरोप लगाया है कि बिहार में मंत्रियों की कोई हैसियत नहीं है। मंत्री पर विभाग के सचिव भारी पड़ रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी ने चाहा तो शिक्षा मंत्री को हटा दिया गया।
इससे यह यह साबित हो गया कि बिहार में पहले अधिकारी हैं तब विभाग के मंत्री हैं। वैसे केके पाठक अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री जो थे वे रामचरितमानस पर अघिक बयान देते थे। शिक्षा को छोड़ बाकी सभी विषयों पर वे बयान देते थे। अभी पूरा बिहार राममय है। 22 को प्राण प्रतिष्ठा होनी है। उसके पहले ही रामचरितमानस पर बयान देने वाले मंत्री का विभाग बदल दिया गया। मुख्यमंत्री ने इसका ध्यान रखा कि बिहार राममय है तो रामचरित मानस पर सावल उठाने वालों को शिक्षा से गन्ना में भेज दिया। भाजपा नेता ने कहा कि इस प्रकरण से यह भी साबित हो गया कि बिहार में जो सीएम कहें वह सही।
लालू-तेजस्वी की कुछ नहीं चल रही है। राजद कोटे के मंत्री का निर्णय सीएम कर रहे हैं। हकीकत है कि जदयू के आगे राजद घुटने टेक चुका है।
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