भारत की पौराणिक कहानियां पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हैं. इन्हीं कहानियों से प्रेरणा लेकर वेस्टर्न आरटीएस ने ये कलाकृतियां बनाई हैं।

वेस्टर्न कलाकारों को हिन्दू पौराणिक कथाओं से प्रेरणा मिलती है जिसमें वे कथा, चरित्र और आध्यात्मिक तत्वों को अपनी कला में शामिल करते हैं. कुछ कलाकार इन कथाओं के दिव्यता और गहराई को अपने चित्रों में प्रकट करते हैं, जबकि कुछ उनकी कथाओं के विभिन्न पहलुओं को अपने नए संवादों और रूपरेखा के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं. इस प्रकार, वे अपनी कला में हिन्दू धर्म और संस्कृति के आद्यात्मिक सिद्धांतों को समाहित करते हैं और उन्हें अपने समय और संदेश के साथ संबोधित करते हैं।

माइकल एंजेलो (1475-1564): द डेविड (1501-1504) यह मूर्ति बाइबिल के नायक डेविड को दर्शाती है, जो गोलियथ से लड़ने से पहले की स्थिति में है. द लास्ट जजमेंट (1508-1512) यह भित्ति चित्र यीशु मसीह को अंतिम निर्णय लेने के लिए दर्शाता है।

लियोनार्डो दा विंची (1452-1519): मोना लिसा (1503-1519) यह चित्र एक रहस्यमय मुस्कान वाली महिला को दर्शाता है, जिसे अक्सर लिसा डेल जिओकोंडो के रूप में पहचाना जाता है. द लास्ट सपर (1495-1498): यह भित्ति चित्र यीशु मसीह द्वारा अपने शिष्यों के साथ अंतिम भोजन को दर्शाता है।

रेम्ब्रांट (1606-1669): द नाइट वॉच (1642): यह चित्र एम्स्टर्डम नागरिक रक्षक कंपनी के कप्तान फ्रैंस बैनिंग कॉक और उनकी कंपनी को दर्शाता है. द स्टोनिंग ऑफ सेंट स्टीफन (1648): यह चित्र ईसाई धर्म के पहले शहीद सेंट स्टीफन को पत्थर मारकर मारने की घटना को दर्शाता है।

सैंड्रो बोटीसेली (1445-1510): द बर्थ ऑफ वीनस (1484-1486): यह चित्र समुद्र से उभरती हुई प्रेम और सौंदर्य की देवी शुक्र को दर्शाता है. प्रीमावेरा (1482): यह चित्र वसंत ऋतु की देवी प्रिमावेरा को दर्शाता है, जो फूलों से घिरी हुई है।

जॉन विलियम वाटरहाउस (1849-1917): लेडी ऑफ द लेक (1888): यह चित्र आर्थरियन किंवदंती से लेडी ऑफ द लेक को दर्शाता है, जो राजा आर्थर को एक तलवार प्रदान करती है. द हाइडेरा (1878): यह चित्र ग्रीक पौराणिक कथाओं से लैंगिक आकर्षण और विनाश का प्रतीक, हाइड्रा को दर्शाता है।

यह कुछ उदाहरण हैं, और पश्चिमी कला में पौराणिक कथाओं का उपयोग बहुत व्यापक है. पौराणिक कथाओं से प्रेरणा लेने के कुछ कारण भी हैं. पौराणिक कथाएं नैतिकता, प्रेम, युद्ध, वीरता, और मृत्यु जैसे सार्वभौमिक विषयों से भरी हैं. पौराणिक कथाओं में प्रतीकात्मकता का उपयोग अक्सर गहरे अर्थों और विचारों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है. इनमे कई संस्कृतियों के इतिहास और पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं. पौराणिक कथाओं से प्रेरित कलाकृतियां हमें मानव प्रकृति, इतिहास और संस्कृति के बारे में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती हैं।