परिवार में दो बेटी पहले से ही चार्टर्ड अकाउंटेंट है और अब तीसरे बेटे ने भी CA परीक्षा में ऑल इंडिया टॉपर बनाकर सफलता का परचम लहराया है. हम बात कर रहे हैं जयपुर के रहने वाले टिकेंद्र कुमार सिंघल के बारे में. 22 साल की उम्र में टिकेंद्र ने वह कारनामा कर दिखाया जिसके कारण आज देश स्तर पर उनकी चर्चा हो रही है. कुछ दिन पहले ही आईसीएआई सीए फाइनल परीक्षा का रिजल्ट निकला था. नवंबर 2023 में परीक्षा का आयोजन हुआ था. टिकेंद्र को इसमें ऑल इंडिया थ्री रैंक प्राप्त हुए. नंबर की अगर बात करें तो की उसको 590 नंबर अर्थात 73.75% अंक प्राप्त हुए।

टिकेंद्र ने बताया कि जब मैं क्लास 7 या 8 में पढ़ाई कर रहा था तभी बड़ी बहन ने चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षा को पास किया. तीन-चार साल पहले मैंने अपने दूसरी दीदी को भी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनते हुए देखा. उस दिन से ही मैंने तय कर लिया था कि मुझे भी आगे चलकर चार्टर्ड अकाउंटेंट ही बनना है. रिजल्ट अच्छा होगा यह तो पता था लेकिन मुझे ऑल इंडिया टॉपर बनने का सौभाग्य प्राप्त होगा यह कभी सपने में भी नहीं सोचा था. अब मेरे घर में तीन-तीन चार्टर्ड अकाउंटेंट है।

मैं अपनी दोनों दीदी को अपना आदर्श मानता हूं और उन्होंने ही मेरा मार्गदर्शन किया है. जब कभी मुझे परेशानी होती थी या डाउट होता था तो मेरी दोनों बहने हमेशा मेरे लिए उपलब्ध रहती थी. उत्साह बढ़ाते रहती थी. हतोत्साहित नहीं होने देती थी. मुझे विश्वास दिलाती थी कि मैं चार्टर्ड अकाउंटेंट बन सकता हूं।

टिकेंद्र ने बताया कि साल 2019 में मैं ऑफलाइन कक्षाओं के माध्यम से चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा की तैयारी शुरू की. कोरोना के दौरान ऑफलाइन क्लास बंद होने के कारण कुछ दिनों तक मुझे ऑनलाइन क्लास लेने पड़े. ऑफलाइन की तुलना में ऑनलाइन क्लास आसान है. बावजूद इसके मुझे ऑनलाइन के बदले ऑफलाइन पढ़ना पसंद है।

टिकेंद्र कहते हैं कि चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग लेना अति आवश्यक है. वह शिक्षक ही है जो हमें ठीक से समझ पाते हैं और हमारी परेशानियों को दूर करते हैं. अगर जीवन में सफल होना है तो हमें ठीक से अपने शिक्षकों की बात को सुनना चाहिए और उनके अनुभवों से सीखना चाहिए. तैयारी के दौरान अनुशासित रहना अति आवश्यक है।

चार्टर्ड अकाउंटेंट परीक्षा सिलेबस में बदलाव सही है या गलत इस बात का जवाब देते हुए टिकेंद्र कहते हैं की चार्टर्ड अकाउंटेंट पाठ्यक्रम में जो संशोधन किया गया है वह एकदम सही है. अब तक का सिलेबस रटा मारने के आधार पर आधारित था. नया सिलेबस हमें मूल बातों को समझने में अधिक सहायता करती है।

”उन्होंने समझाया “नया पाठ्यक्रम एक अच्छा कदम है क्योंकि यह रटने की बजाय एप्लिकेशन-आधारित शिक्षा पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है। चूंकि यह अब मुख्य रूप से एमसीक्यू-आधारित है, इसलिए छात्रों को केवल प्रश्नों के चरणों को सीखने के बजाय अवधारणा को समझना होगा। यह निश्चित रूप से अवधारणाओं की वास्तविक समझ को अधिक महत्व देगा और यह समय की मांग थी।

उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने आईसीएआई अध्ययन सामग्री पर प्रमुखता से भरोसा किया क्योंकि यह मुख्य विषयों पर केंद्रित था, जिन्हें अधिक अच्छी तरह से समझाया गया था।


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