मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के भारत विरोधी तेवरों के बाद से ही भारत और मालदीव के बीच तनातनी बनी हुई है। चुनाव में ‘इंडिया आउट’ का नारा देने वाले मोइज्जू जब से राष्ट्रपति बने है भारत विरोधी कदम उठा रहे हैं। वहीं हाल ही में मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की, इसके बाद से यह विवाद और बढ़ गया। हालांकि तीनों मंत्रियों को ​बर्खास्त कर दिया गया। मामला यह था कि पीएम मोदी हाल ही में लक्षद्वीप यात्रा पर गए थे और यहां पर्यटन बढ़ाने की बात कही थी। इससे मालदीव के मंत्री चिढ़ गए और गलत बयानी करने लगे। भारत मालदीव की तनातनी में इजराइल भी कूद गया है। लक्षद्वीप में पर्यटन के संभावनाओं के बीच इजराइल यहां बड़ा काम करने जा रहा है। इससे मालदीव के सीने पर सांप लोट जाएंगे।

मामला यह था कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप यात्रा के दौरान कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लोगों से वहां जाने की अपील की। इसके तुरंत बाद टूरिस्ट देश मालदीव के कुछ मंत्रियों ने आपत्तिजनक टिप्पणियां कर दीं। तब से ही ट्वि्टर पर युद्ध छिड़ा हुआ है। असल में मालदीव में सबसे ज्यादा सैलानी भारत से ही जाते हैं।

मालदीव के लिए क्यों जरूरी है भारत

मालदीव की सरकार की गलत हरकतों की वजह से भारतीय पर्यटकों ने मालदीव के लिए बुक कराई टिकटें कैंसिल करा दीं। बता दें कि सालाना दो लाख से ज्यादा भारतीय इस द्वीप देश को विजिट करते हैं। साल 2020 में मालदीव में 63 हजार भारतीय सैलानी गए थे, तो 2021 में यह आंकड़ा बढ़कर दो लाख 93 हजार हो गया। साल 2022 में 2 लाख 41 हजार, और 2023 में तक 1 लाख 93 हजार सैलानी वहां जा चुके हैं।

क्या करने जा रहा है इजरायल

मालदीव और भारत में तनातनी के बीच इजरायल ने एक बड़ा ऐलान किया है। भारत में इजरायली दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया है। इसमें कहा गया कि लक्षद्वीप को टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित करने के प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए वो तैयार है। इसके लिए वो सालभर पहले भी लक्षद्वीप विजिट कर चुका है। यह कह सकते हैं कि लक्षद्वीप की तस्वीरें भले ही अभी आई हों, लेकिन इसे दुनिया के बेहतरीन द्वीप के तौर पर स्थापित करने की सेंटर की कोशिशें पहले से चल रही होंगी।

लक्षद्वीप में लगेंगे वाटर प्लांट

भारत का दोस्त इजराइल लक्षद्वीप में डीसेलिनेशन प्रोसेस से खारे पानी की अशुद्धियां दूर कर उसे साफ पानी में बदलेगा। इससे वहां साफ और मीठे पानी की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी, जो किसी भी टूरिस्ट स्पॉट के लिए बहुत जरूरी है। पीएम मोदी ने साल 2017 में इजरायल दौरे के दौरान वहां बेहद मॉडर्न तकनीक देखी थी। इसके बाद लक्षद्वीप और अंडमान के लिए भी इस प्रोसेस पर बात की गई। दरअसल, मालदीव में नब्बे के दशक में ही वहां डीसेलिनेशन प्लांट बनने लगे। हालांकि अब भी इस तकनीक की मदद से टूरिस्टों की ही जरूरत पूरी होती है। बहुत सा काम बारिश के पानी को जमाकर किया जाता है।

इजरायल में 50 फीसदी पानी किया जाता है साफ

रेगिस्तानी इलाके के कारण सूखे की मार झेलते इजरायल ने कुछ सालों पहले एक अनोखी तकनीक निकाली। वो समुद्र के खारे पानी को डीसेलिनेशन के जरिए मीठा बनाने लगा। यहां पांच बड़े प्लांट हैं, जो इजरायल के कोने-कोने तक पहुंच रहे 50 प्रतिशत से ज्यादा पानी को इसी के जरिए साफ करते हैं।


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