तेजस्वी यादव बिहार के डिप्टी सीएम के साथ साथ कई विभागों के मंत्री भी हैं। उन विभागों में काफी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य विभाग भी शामिल है। मंत्री बनने के बाद तेजस्वी ने बिहार के लोगों को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का सपना दिखाया था लेकिन उन्हें मंत्री बने डेढ़ साल से अधिक का समय बीत गया लेकिन स्वास्थ्य विभाग की बदहाली दूर नहीं हुई और मुंगेरी लाल के हसीन सपने टूट गए।

दरअसल, सीतामढ़ी से जो तस्वीर सामने आई है उशने तेजस्वी यादव के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। मामला डुमरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां कड़ाके की ठंड में तड़पते मरीजों को फर्श पर सुला दिया गया, जिसकी तस्वीर सामने आई है। जहां बेड नहीं मिलने के कारण मजबूरन सारी रात महिला मरीजों को फर्श पर सोना पड़ा।

जानकारी के मुताबिक, डुमरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए कैंप लगाया गया था। ऑपरेशन के बाद मरीजों को बेड तक नसीब नहीं हुआ और कड़ाके की ठंड में महिला मरीजों को ऑपरेशन के बाद फर्श पर ही लिटा दिया गया। बंध्याकरण ऑपरेशन के लिए जिले के विभिन्न इलाकों से मरीज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे थे लेकिन ऑपरेशन के बाद उन्हें बेड की जगह ठंड में फर्श पर सोने के लिए कहा गया।

बता दें कि एक तरफ जहां मिशन 60 के तहत स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति दुरुस्त करने का दावा किया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ तेजस्वी यादव के स्वास्थ्य विभाग की असली हकीकत क्या है? इसकी तस्वीर सीतामढ़ी के डुमरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिली, जहां महिला मरीज को एक बेड तक नसीब नहीं हुआ। तस्वीरें सामने आने के बाद लोग पूछ रहे हैं कि तेजस्वी यादव इस तरह से स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली को दूर करेंगे?


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