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 जब मन में दृढ़ इच्छाशक्ति हो और हौसला ऊंचाई छुए तो उम्र या काम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने से रोक नहीं सकता। इसका बड़ा उदाहरण है जगदीशपुर प्रखंड के बैजानी निवासी डॉ. विश्वनाथ तिवारी का। उन्होंने स्वीडन के कलमार में आयोजित आयरन मैन की प्रतियोगिता में विजय हासिल कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने 3.8 किमी तैराकी, 180 किमी साइकिलिंग और 42 किमी दौड़ को लगातार 14 घंटे 35 मिनट में पूरा किया। इस प्रतियोगिता में 225.8 किमी की तैराकी, साइकिलिंग और दौड़ की चुनौती 16 घंटे में पूरी करनी थी। लेकिन भागलपुर के लाल ने इसे केवल 14 घंटे 35 मिनट में पूरा कर खिताब अपने नाम कर लिया।

डॉ. तिवारी दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित नॉर्थन रेलवे सेंट्रल अस्पताल में सर्जन हैं। 21 अगस्त को आयोजित प्रतियोगिता में उन्होंने लक्ष्य को हासिल किया। साथ ही उन्हें आयरन मैन के टाइटल से भी नवाजा गया है। हिन्दुस्तान से विशेष बातचीत में डॉ. तिवारी ने बताया कि यह विश्व की सबसे कठिन प्रतियोगिताओं में गिनी जाती है। इसमें विश्व के सभी देशों के एथलीट हिस्सा लेते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा भागलपुर से हुई। 1991 में 10वीं के बाद इवनिंग कॉलेज (अब बीएन कॉलेज) से 1993 में 12वीं किया। उन्होंने पटना मेडिकल कॉलेज से 1995 में एमबीबीएस किया। वे बिहार केपहले चिकित्सक और पहले रेलवे ऑफिसर जिन्होंने खिताब जीता।

2006 से थे प्रयासरत

2006 से वे प्रतियोगिता के लिए प्रयासरत थे। बता दें कि 2022 में भी आयरन मैन की प्रतियोगिता में उन्होंने जीत हासिल की थी। उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के बाद ईआरए को धन्यवाद दिया है। उन्होंने अपनी जीत का श्रेय पत्नी मिताली तिवारी कोे दिया है। जो उनके लिए फिटनेस और पोषण मार्गदर्शिका के रूप में थीं। वे भी एथलीट हैं। साथ ही रनिंग कोच दिनेश कुमार, फिटनेस कोच अशोक, साइकिलिंग टीम की शैंकी गुप्ता का आभार जताया है।


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