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मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अगुवाई में प्रदेश की नवगठित सरकार ने सदन में अपना बहुमत साबित कर दिया है. झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में उन्होंने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया है।

हेमंत सोरेन के इस्तीफा के बाद चंपई सोरेन ने जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद राज्यपाल ने उन्हें 10 दिनों के भीतर सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहा था. 5 फरवरी के लिए उन्होंने बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया और इस विशेष सत्र में चंपई सरकार ने विश्वासमत हासिल कर लिया।

विधानसभा में चंपई सोरेन ने पहले ही स्पष्ट किया था कि उनकी सरकार को बहुमत का आंकड़ा प्राप्त है. इसी क्रम में उन्होंने आहूत विशेष सत्र में अपना बहुमत साबित भी किया है. विधानसभा में हुई वोटिंग में सत्ता पक्ष को कुल 47 वोट मिले जबकि विपक्ष में 29 कुल मत पड़े हैं. फ्लोर टेस्ट में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी इस विशेष सत्र में भाग लेने के लिए पहुंचे थे. सदन में बहुमत प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री चंपई सोरेन काफी खुश और उत्साहित नजर आए।

बता दें कि वर्तमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 29, कांग्रेस के 17, भाकपा माले और राष्ट्रीय जनता दल के एक-एक विधायक हैं. जिसमें राष्ट्रीय जनता दल के एकमात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. कांग्रेस के 17 विधायक हैं, जिनमें से आलमगीर आलम भी मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के 29 में से चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी. इन तीन लोगों ने शपथ लेकर सरकार बनाई और उसके बाद राज्यपाल द्वारा उन्हें बहुमत साबित करने के लिए कहा गया था. इसी को लेकर झारखंड विधानसभा की विशेष सत्र बुलाई गयी थी।


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