चंद्रयान को चंद्रमा की सतह के और करीब लाने के लिए इसरो ने आज चौथा मेनुवर सफलता पूर्वक पूरा कर लिया है और इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद अब चंद्रयान 3 से चांद की दूरी काफी कम हो गई है। अब चंद्रयान चांद से बस 153KM x163 KM की दूरी पर है। चंद्रयान मिशन की इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद इसरो ने एक और अहम पड़ाव की तैयारी भी शुरू कर दी है जब गुरुवार को दोपहर 1 बजकर 8 मिनिट पर लैंडर विक्रम को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग किया जाएगा। पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा तीसरी बार बदली गई है।

चंद्रमा की सतह पर उतरने की पूरी तैयारी

चंद्रयान को पृथ्वी से बाहर निकालकर चांद के करीब लाने में प्रोपल्शन मॉड्यूल की सबसे अहम भूमिका है। लैंडर विक्रम को चांद की 100KMx100 KM की कक्षा में स्थापित करने के बाद कल दोपहर में प्रोपल्शन मॉड्यूल लैंडर विक्रम से अलग हो जायेगा और इसके बाद चांद के सतह पर उतरने की यात्रा लैंडर विक्रम तय करेगा, लैंडर के अंदर ही प्रज्ञान रोवर है, जो लैंडर के साथ-साथ चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।

23 अगस्त को होगी लैंडिंग

बता दें कि 23 अगस्त को शाम तकरीबन 5 बजकर 47 मिनिट पर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग से पहले विक्रम लैंडर को चंद्रमा के ओर करीब लाकर 30KMx100 KM की कक्षा तक लाया जाएगा, जिसके बाद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान की चांद से मुलाकात की फाइनल जर्नी शुरू होगी।

चंद्रयान-3 मिशन के आगे बढ़ने के साथ ही ‘चंद्रयान-3’ की ऑर्बिड को धीरे-धीरे कम करने के लिए इसरो लगातार कवायद कर रहा है। यान को 16 अगस्त को 100 किलोमीटर की कक्षा तक पहुंचाने के लिए एक बार फिर कक्षा घटाई जाएगी।


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