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बेटी के डॉक्टर बनने की चाहत में मजदूर पिता ने झोंकी सारी ताकत,NEET पास कर बोली-पूरे होंगे सपने : आज हम आपको एक पिता और पुत्र की कहानी सुनाने जा रहे हैं. इस कहानी में पिता एक मनरेगा मजदूर है तो वहीं बिटिया होनहार और पढ़ने लिखने में तेज तरार छात्रा है. पहले नीट परीक्षा का रिजल्ट निकला था जिसमें बिटिया ने सफलता का परचम लहराया है और अब वह डॉक्टर साहिबा बनने वाली है. बिटिया कहती है कि मेरे पापा मजदूर हैं मुझे डॉक्टर बनना है और उनके सपने को साकार करना है।

अलवर की रहने वाली नेहा के लिए नीट क्रैक करना आसान नहीं था। उनके मजदूर पिता ने कई तरह के प्रयास कर उन्हें पढ़ाया। अब नेहा ने अपने पिता को उनकी मेहनत का फल NEET क्रैक करके दिया है। नेहा की ऑल इंडिया 3745 रैंक आई है, और कैटेगरी वाइज उन्होंने 1215वीं रैंक प्राप्त की है। ये सफलता उन्होंने तीसरे प्रयास में हासिल की है। अपने दूसरे प्रयास में उन्होंने 27000वीं रैंक प्राप्त की थी, लेकिन वो संतुष्ट नहीं थीं और उन्होंने फिर से तैयारी करने का फैसला किया।

नेहा के पिता विक्रम सिंह मनरेगा मजदूर हैं। पिता ने मजदूरी कर बेटी को पढ़ाया। बेटी की इस सफलता से बेहद खुश पिता ने कहा कि उनकी दो बेटियां हैं नेहा और नीशू। नेहा ने जब बताया कि वह डॉक्टर बनना चाहती है तो उन्होंने एक पल के लिए नहीं सोचा कि इतना पैसा कहां से आएगा। उन्होंने बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए सारी मेहनत झोंक दी।

उन्होंने आगे बताया कि जब उनके घर दो बेटियों का जन्म हुआ तो परिवार और रिश्तेदार कहने लगे कि बेटा जरूरी है, उसके बिना वंश पूरा नहीं होता। लेकिन हमने साफ मना कर दिया, बेटियों को ही बेटे का दर्जा दिया। हमने कहा हमारी डॉ बेटियां हीं बेटों जैसी हैं। आज जब बेटी नेहा ने सफलता हासिल की तो हमारा पूरा परिवार इस से खुश है।


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