केरल के कुट्टीपुरम से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, यहां भूख से सुध-बुध खो चुके एक छात्र को मरी हुई बिल्ली का कच्चा मांस खाता नजर आया है। बताया जा रहा है कि यह युवक असम का रहने वाला है। फिलहाल, उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है।

सीढ़ी पर बैठकर खा रहा था बिल्ली का मांस

यह घटना शनिवार शाम यहां एक व्यस्त बस स्टैंड के परिसर में दर्ज की गई। पुलिस ने कहा कि 27 वर्षीय व्यक्ति असम के धुबरी जिले का रहने वाला है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों ने उसे बस स्टैंड की सीढ़ी पर बैठकर मरी हुई बिल्ली का कच्चा मांस खाते हुए देखा। इसके बाद घटना की जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस को दी गई।

खाना खाकर हो गया गायब

इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और उससे संपर्क किया। अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, “सूचना मिलने के बाद हमने घटनास्थल का दौरा किया। जब उन्होंने उससे पूछताछ की तो उसने कहा कि उसने पिछले पांच दिनों से कुछ खाना नहीं खाया है और वह काफी भूखा है।” उन्होंने कहा कि जब पुलिस अधिकारी ने उसके खाने के लिए भोजन खरीदा, तो उसने बिना किसी हिचकिचाहट के वह खा लिया और थोड़ी देर बाद वहां से गायब हो गया।

घर से भागकर आया है छात्र

पुलिस अधिकारी ने कहा, “हमें आज सुबह सूचना मिली कि युवक यहां एक स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पाया गया है। इसलिए, हम वहां पहुंचे और उसके ठिकाने की जानकारी मांगी, जिसके आधार पर उन्होंने उसे ढूंढ लिया गया।” उस व्यक्ति के बयानों के आधार पर, वह पूर्वोत्तर राज्य में एक कॉलेज का छात्र था और अपने परिवार को बताए बिना दिसंबर में ट्रेन से केरल पहुंच गया।

परिजनों से हुआ संपर्क

उन्होंने कहा, “हमें आज सुबह सूचना मिली कि युवक यहां एक स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पाया गया है। इसलिए, हम वहां पहुंचे और उसके ठिकाने की जानकारी मांगी, जिसके आधार पर उन्होंने उसे ढूंढ लिया।” उस व्यक्ति के बयानों के आधार पर, वह पूर्वोत्तर राज्य में एक कॉलेज का छात्र था और अपने परिवार को बताए बिना दिसंबर में ट्रेन से केरल पहुंच गया।

इलाज के लिए किया गया भर्ती

अधिकारी ने कहा, “उसने हमें अपने भाई का मोबाइल नंबर दिया जो चेन्नई में काम करता है। हमने उससे संपर्क किया और पुष्टि की कि जानकारी सही है।” शुरुआती जांच के लिए उसे त्रिशूर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि व्यक्ति को कोई शारीरिक या मानसिक समस्या नहीं है और जब उसके रिश्तेदार यहां पहुंचेंगे तो उसे उन्हें सौंप दिया जाएगा।