बिहार राज्य खाद्य निगम के सहायक प्रबंधक सह उप-महाप्रबंधक शिशिर कुमार वर्मा के पटना व बेतिया स्थित ठिकानों पर ईओयू ने छापेमारी की। यह छापेमारी आय से अधिक संपत्ति के आरोप में कांड दर्ज कर की गई है। शिशिर के खिलाफ खाद्य निगम में कार्यरत रहते हुए आय के स्रोत से 45,71,967 रुपये अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है, जो कि उनकी ज्ञात आय से 101.6 प्रतिशत अधिक है। माना जा रहा है कि यह संपत्ति अफसर ने अवैध वसूली के जरिए अर्जित की है। अफसर काली कमाई के जरिए आलीशान जिंदगी जी रहा है।

वहीं, अब जो जानकारी निकल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक शिशिर कुमार का मासिक वेतन करीब 38 हजार रुपये है, जबकि वह 23 हजार रुपये मासिक किराए के फ्लैट में रहते हैं और बिजली बिल अलग है। ऐसे में देखें तो किराया भरने के बाद मात्र 15 हजार रुपये बचते हैं और इतनी कम रकम में वो आलीशान जिंदगी कैसे जी रहे थे? इन्हीं कारणों से शिशिर ईओयू की रडार पर आ गए।

इसके साथ ही छापेमारी के दौरान उनके पास से पांच लाख 20 हजार नकद सहित अन्य दस्तावेज मिले। शिशिर वर्मा के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान आवासीय परिसर से 31 जमीन के दस्तावेज सहित 27 लाख के गहने जब्त किए गए। इन जमीनों की खरीद शिशिर वर्मा की पत्नी, भाई एवं अन्य रिश्तेदारों के नाम से की गई है। ये पटना, दिल्ली एवं बेतिया में हैं।

उधर, छापेमारी के दौरान एक लॉकर एवं विभिन्न बैंकों में खाते के भी दस्तावेज मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। वहीं, छापेमारी के दौरान दो महंगे चार पहिया वाहनों को भी जब्त किया गया है। ईओयू सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान जब्त किए सभी दस्तावेजों का आकलन किया जा रहा है। बैंक खातों में भी बड़ी राशि के जमा होने की छानबीन की जा रही है। वर्ष 2016 में शिशिर वर्मा सरकारी सेवा में आए थे।


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