हमेशा से बच्चों को ये सुनने को मिलता रहा है कि ‘पढ़ोगे नहीं तो ठेला लगाओगे.’ ये सही भी है कि शिक्षा का बहुत महत्व है लेकिन समय बदलने के साथ ये बहस भी तेज हुई है कि छात्रों के लिए किताबें पढ़ना जरूरी है या फिर समझना. बहुत से ऐसे बच्चे होते हैं जिनका दिमाग तेज होता है लेकिन उनका पढ़ने में बिल्कुल मन नहीं लगता. कई बच्चे तो परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं लेकिन अन्य कामों में उनका दिमाग काफी चलता है.

10वीं फेल दानवीर सिंह का 25 लाख का कारोबार

ऐसे ही एक युवा हैं दानवीर सिंह, जिनका मन शायद पढ़ने में नहीं लगा लेकिन बिजनेस में उनका दिमाग ऐसा चला कि आज वो लाखों कमा रहे हैं. जी हां, दानवीर सिंह 10वीं कक्षा में फेल हो गए. जिसके बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और अपना खुद का स्टार्टअप शुरू कर दिया. आज वह अपने इस स्टार्टअप से सालाना 25 लाख रुपये टर्नओवर बना रहे हैं.

लोगों की पसंद को देख आया आइडिया

बदलते दौर के साथ लोगों के रहन-सहन, खाने और पहनने का ढंग भी बहुत बदल गया है लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि पुराने दौर की चीजें भी फैशन की इस दौड़ में आज भी अपनी जगह बनाए हुए हैं. जैसे कि खाने को ही ले लीजिए जो क्षेत्रीय भोजन पहले पेट भरने के लिए जरूरी थे, आज वो बड़े बड़े रेस्टोरेंट में महंगे दामों पर परोसे जाते हैं.

ऐसे ही धोती-कुर्ता जो कभी बच्चे बूढ़े सब पहनते थे वो धीरे धीरे गायब तो हुए लेकिन इसके बावजूद युवा इनके बदले हुए फैशनेबल लुक को पसंद करते हैं. दानवीर ने भी अपने बाड़मेर के युवाओं की इस बात पर गएर किया. उन्होंने देखा कि यहां के युवा धोती-कुर्ता और साफे का उपयोग कर रहे हैं. शादी समारोह से लेकर बर्थडे पार्टी में हर कोई अब नए लुक में नजर आता है. इसी सोच के साथ उन्हें एक नया आइडिया आया.

शुरू किया अपना काम

उन्होंने बाड़मेर शहर के भगवती कॉम्प्लेक्स में आशापुरा साफा हाउस के नाम से स्टोर खोला और अपने एक अनोखे आइडिया की वजह हर तरफ छा गए. वह इंस्टाग्राम से ऑनलाइन ऑर्डर बुक करने लगे. आज उनका बिजनेस इतना बढ़ गया है कि वह जापान, तमिलनाडु, चेनई, बेंगलुरु, गुजरात में भी अपना सामान भेजते हैं. साफा हाउस के मालिक दानवीर सिंह ने बताया कि वह 10वीं में फेल हो गए. जिसके बाद उन्होंने जोधपुर में 2 साल तक काम सीखा. फिर अपना स्टार्टअप शुरू किया है. महज 26 साल की उम्र में उन्होंने 25 लाख का कारोबार खड़ा कर दिया है.

दानवीर सिंह का कहना है कि युवाओ में धोती-कुर्ता और साफे का ट्रेंड बढ़ा है. साफा हाउस का स्टार्टअप 5 साल पहले शुरू किया था. उनके यहां जोधपुरी, जैसलमेरी, बाड़मेरी और नागौरी गोल साफा का चलन बढ़ा है. उन्होंने ये भी बताया कि उनका सालाना टर्न ओवर 25 लाख रुपये है. बाड़मेर जिले के बाटाडू हाल इंदिरा कॉलोनी निवासी दानवीर सिंह अपने भाई देरावर सिंह और 6 स्टाफ के साथ अपना स्टोर संभालते हैं. उनके यहाँ दूल्हे को भी तैयार किया जाता है और दूल्हे के श्रृंगार का सामान भी उपलब्ध है.


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