नीतीश कुमार के गृह जिले में स्वास्थ्य विभाग के दावे की पोल खुली. एक्सीडेंट के दौरान हुए जख्मी का इलाज के दौरान शनिवार की रात निजी क्लीनिक में मौत हो गई. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बिहार शरीफ सदर अस्पताल लाया. शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजन सामान ढोने वाली गाड़ी से लेकर अपने घर के लिए निकल गए. परिजनों ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम करने वाला व्यक्ति भी पांच सौ रुपए लेने के बाद शव को सौंपा. वहीं, सामान ढोने वाली जिस गाड़ी से शव को लेकर पीड़ित परिजन घर गए, उस गाड़ी पर लगभग आधा दर्जन उसके परिजन भी सवार थे.

‘पोस्टमार्टम करने वाला किया पैसों का डिमांड’

मृतक के परिजन प्रेमचंद प्रसाद ने बताया कि पोस्टमार्टम कराकर पुलिस ने शव को ले जाने के लिए कहा. अस्पताल प्रशासन के द्वारा शव वाहन की जानकारी नहीं दी गई और न ही शव को पोस्टमार्टम करने वाले ने बताया. इसके बाद सामान ढोने वाली गाड़ी से शव को लेकर गए. यह पूरी तरह लापरवाही है. पोस्टमार्टम करने वाला भी पैसों का डिमांड किया. पैसा लेने के बाद शव को सौंपा.

सड़क दुर्घटना में युवक हो गया था घायल

बता दें कि 27 दिसंबर को सोहसराय थाना अंतर्गत क्षेत्र में एक ट्रक ने बाइक सवार को जोरदार टक्कर मार दिया था, जख्मी का इलाज निजी क्लीनिक में चल रहा था, लेकिन बीती रात उसकी मौत हो गई. मृतक की पहचान सोहदीह गांव निवासी इंद्रजीत प्रसाद के 35 वर्षीय पुत्र अशोक कुमार के रूप में हुई है. वहीं, इस मामले को लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अशोक कुमार से जब फोन कर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एक्सीडेंट में मरीज घायल हुआ था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हुई है. शव को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया था.

अस्पताल उपाधीक्षक ने कही- जानकारी नहीं है

आगे जब अस्पताल उपाधीक्षक से सामान ढोने वाली गाड़ी से शव ले जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी नहीं है. जानकारी लेने के बाद बताया जाएगा. पैसा लेने के बाद शव देने वाले सवाल पर भी उन्होंने कहा कि जांच की जाएगी.


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