मध्य प्रदेश के इंदौर से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां के एक प्राइवेट स्कूल में हुए झगड़े में चौथी क्लास के छात्र के पैर को 108 बार राउंडर से गोदा गया है। घटना को अंजाम देने वाले लोग छात्र के साथ ही पढ़ते हैं। बता दें कि राउंडर का इस्तेमाल ज्यामिती की पढ़ाई में किया जाता है। घटना का संज्ञान लेते हुए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने सोमवार को पुलिस से जांच रिपोर्ट तलब की है। सीडब्ल्यूसी की एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने क्या कहा?

सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल ने बताया कि उन्हें पता चला है कि एयरोड्रम थाना क्षेत्र के एक प्राइवेट स्कूल में 24 नवंबर को हुए झगड़े के दौरान चौथी कक्षा के छात्र के पैर पर उसके साथ पढ़ने वालों ने राउंडर से कथित तौर पर 108 वार किए। उन्होंने कहा, “यह मामला चौंकाने वाला है। हमने पुलिस से इसकी जांच रिपोर्ट मांगी है ताकि पता लगाया जा सके कि इतनी कम उम्र के बच्चों के इस हिंसक बर्ताव की वजह क्या है?’’

पोरवाल ने कहा कि सीडब्ल्यूसी घटना से जुड़े सभी बच्चों और उनके परिजनों की काउंसलिंग भी करेगी और पता लगाएगी कि क्या बच्चे हिंसक दृश्यों वाले वीडियो गेम खेलते हैं? पीड़ित बच्चे के पिता ने आरोप लगाया कि निजी स्कूल में 24 नवंबर को दोपहर दो बजे के आस-पास उनके बेटे पर उसके 3 सहपाठियों ने राउंडर से 108 वार किए जिससे उसके शरीर पर गोदे जाने के निशान बन गए।

स्कूल प्रबंधन क्लास के सीसीटीवी फुटेज नहीं दे रहा

उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे ने घर आने पर आपबीती सुनाई। मुझे अब तक पता नहीं चल सका है कि मेरे बेटे के साथ उसके सहपाठियों ने इतना हिंसक बर्ताव क्यों किया? स्कूल प्रबंधन मुझे कक्षा के सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध नहीं करा रहा है।’

पीड़ित बच्चे के पिता ने बताया कि उन्होंने एयरोड्रम पुलिस थाने में घटना की शिकायत दर्ज कराई है। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) विवेक सिंह चौहान ने बताया कि इस शिकायत पर पीड़ित बच्चे की मेडिकल जांच कराई गई है। एसीपी ने कहा कि घटना से जुड़े सभी बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं और मामले में कानूनी प्रावधानों के तहत उचित कदम उठाए जा रहे हैं।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.