पश्चिम बंगाल में ईडी अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार (17 जनवरी) को आदेश दिया कि मामले की जांच सीबीआई (CBI) और पुलिस की संयुक्त एसआईटी (SIT) करे.

हाई कोर्ट ने साथ ही कहा किबंगाल पुलिस की एसआईटी टीम का गठन जल्द से जल्द किया जाए. दरसअल, ईडी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि जांच में बंगाल पुलिस ढिलाई बरत रही है. ऐसे में अधिकारियों पर भीड़ के हमले की जांच राज्य पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दी जाए.

ईडी ने क्या कहाहै?

ईडी ने हमले को लेकर कहा था कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में जब वे टीएमसी नेता शाजहां शेख के परिसर की तलाशी लेने गए थे तो उन पर हुए हमले में उनके तीन अधिकारी घायल हो गए. इस दौरान सामान भी लूट लिया गया.

ईडी ने बयान जारी कर कहा था, ”हम पश्चिम बंगाल के पीडीएस घोटाले के मामले में उत्तर 24 परगना के टीएमसी के संयोजक शाहजहां शेख के 3 परिसरों की तलाशी ले रहे थे. इस दौरान एक परिसर में ईडी टीम और सीआरपीएफ कर्मियों पर 800-1000 लोगों ने जान लेने के इरादे से हमला किया, क्योंकि ये लोग लाठी, पत्थर और ईंट जैसे हथियार से लैस थे.”

बीजेपी और टीएमसी में हुई थी बयानबाजी

मामले को लेकर बीजेपी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा था. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक ने कहा था कि राज्य सरकार को केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को सुरक्षा उपलब्ध करानी चाहिए, लेकिन पश्चिम बंगाल में ऐसा नहीं हुआ है.

इसको लेकर टीएमसी नेता शशि पांजा ने पलटवार करते हुए कहा था कि निशिथ प्रमाणिक बातें कर रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल का बकाया केंद्र सरकार ने नहीं दिया है.


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