बिहार में 12 फरवरी को नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान विधायकों के खरीद फरोख्त की बातें सामने आई थीं। इन आरोपों की जांच आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू से कराने का फैसला लिया गया था। लेकिन अब मामले की जांच की जिम्मेदारी प्रवर्तन निदेशालय को सौंपी जा सकती है। जेडीयू विधायक सुधांशु शेखर की ओर से पहले ही इस संबंध में कोतवाली थाने में केस दर्ज करवाया गया था और 10 करोड़ में डील होने की लिखित शिकायत की थी।
जेडीयू विधायक की शिकायत के बाद पटना के एसएसपी राजीव मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय को पत्र लिखकर ईओयू से जांच कराने का आग्रह किया था। इसके बाद ईओयू ने हॉर्स ट्रेडिंग के इस मामले की जांच शुरू कर दी थी। लेकिन मामले की गंभीरता को लेकर अब ईडी ने इस मामले में जांच की जिम्मेदारी ईडी को सौंपने की अनुशंसा की गई है। बताया गया है कि राज्य सरकार ने इस मामले में बड़े पैमाने पर पैसे के लेन-देन होने का साक्ष्य मिलने पर इडी से जांच की अनुशंसा की है।
प्रारंभिक जांच में जानकारी मिल रही है कि विभिन्न गैर कानूनी कार्य करने वाले लोग और समूह अवैध रूप से अर्जित की गई धन राशि का उपयोग गैर कानूनी कार्यों में कर रहे हैं। इसमें बिहार के अलावा झारखंड और नेपाल के लोगों और समूहों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
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