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दरभंगा के सिहवाड़ा में केके पाठक के आने को लेकर एक हौवा की तरह देखा जा रहा था। सवेरे नौ बजे के बदले आठ बजे ही शिक्षक विद्यालय पहुंच गए थे। छात्रों की संख्या बनी रहे इसके लिए छात्रों को घर से बुलाने की भी व्यवस्था तेजी से की जा रही थी।

सुबह नौ बजे तक विद्यालय में यथासंभव छात्रों की संख्या पूरी कर ली गई थी। शिक्षक भी समय से पूर्व ही पहुंच गए थे। मध्याह्न भोजन में भी बेहतर भोजन बन रहा था। छात्रों को उनके आने के बाद कैसे बोलना है, क्या करना है, इस संबंध में शिक्षा दी जा रही थी। पूरे दिन क्लास रूम से बच्चों को बाहर नहीं निकलने दिया गया। सवेरे से ही शौचालय एवं परिसर की सफाई में शिक्षक लगे हुए थे। प्राइवेट स्कूलों में भी हड़कंप की स्थिति मची बनी हुई थी। प्राइवेट विद्यालयों को भी अनुशासन के ढंग से चलाया जा रहा था।

इतना ही नहीं, कोचिंग संचालक भी स्थिति पर पूरी तरह नजर रखे हुए थे। जैसे ही केके पाठक की गाड़ी मुजफ्फरपुर से चली, क्षेत्र के अधिकतर स्कूलों में यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। बिठौली चौक से उनकी गाड़ी रामपुरा मध्य विद्यालय पहुंची। सिंहवाड़ा, दरभंगा सदर, हनुमाननगर व हायाघाट प्रखंड के शिक्षक भी पूरी तरह सतर्क मोड में थे। डीईओ समर बहादुर सिंह भी एनएच के आसपास के विद्यालयों में शैक्षणिक एवं सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने में जुटे हुए थे।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के आने की खबर मिलते ही प्लस टू उच्च विद्यालय नगर पंचायत सिंहवाड़ा में छात्रों को खड़े होने की भी जगह नहीं मिली। विद्यालय में शिक्षकों एवं अधिक छात्रों की उपस्थिति होने के कारण दो कमरे के विद्यालय में बारिश के समय सिर छुपाना कठिन हो गया। अंतत कुछ छात्रों को बगल के निजी मकान में जाकर समय काटना पड़ा। लगभग डेढ़ कट्ठा जमीन में बने दो कमरे में वर्ग प्रथम से लेकर इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की व्यवस्था है। विद्यालय में 18 शिक्षक कार्यरत हैं। विद्यालय में चल रहे मिडिल स्कूल में 320 छात्रों का नामांकन है जबकि वर्ग नौ व 10 में 134 छात्र एवं वर्ग 11 व 12 में 50 छात्रों का नामांकन है। विद्यालय के आसपास घनी बस्ती होने के कारण कहीं खड़ा होने की भी जगह नहीं है। विद्यालय के मुख्य द्वार पर संकीर्ण गली है जिसमें भी खड़ा होना कठिन है। बताया गया है कि अपर मुख्य सचिव के आने की जानकारी के कारण बड़ी संख्या में छात्र विद्यालय पहुंच गए। विद्यालय के दो कमरे एवं छोटे से बरामदा पर एक तरफ किचन की व्यवस्था है तो दूसरी तरफ डेढ़ दर्जन शिक्षकों के जैसे तैसे बैठने की व्यवस्था है।

बाकी जगह में विद्यालय में नामांकित लगभग चार सौ छात्र के खड़े होने की भी जगह नहीं है।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शुक्रवार को सिंहवाड़ा से दरभंगा पहुंचे। यहां उन्होंने किलाघाट स्थित डायट का निरीक्षण किया। शाम करीब 430 बजे वे यहां पहुंचे।

सबसे पहले उन्होंने कैंटीन का निरीक्षण किया। इसके बाद शौचालय का निरीक्षण किया। इसके बाद प्रशिक्षण स्थल पर पहुंचकर प्रशिक्षणार्थियों से कई जानकारियां ली। प्राचार्य संजय चौधरी की उपस्थिति में ही पूछा कि आप प्रशिक्षण से संतुष्ट हैं या नहीं। प्राचार्य कक्ष में बैठकर डीईओ समर बहादुर सिंह के साथ डायट की प्रशिक्षण की क्षमता को बढ़ाने को लेकर एससीईआरटी के निदेशक से बात की। प्रशिक्षकों की ओर से बनायी गयी मिथिला पेंटिंग उन्हें भेंट कर सम्मानित भी किया गया।

डीईओ समर बहादुर सिंह ने बताया कि जिले के विभिन्न विद्यालयों के निरीक्षण से अपर मुख्य सचिव लगभग संतुष्ट दिखे। थोड़ी-बहुत कमियां देखी गई, लेकिन डायट के निरीक्षण से वे पूरी तरह संतुष्ट दिखे। मौके पर प्राचार्य संजय चौधरी, असिस्टेंट प्रो. प्रवीण कुमार सिंह, डॉ. सुबोध कुमार, डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ. नूतन कुमारी आदि थे।

रामपुरा मध्य विद्यालय में निरीक्षण के दौरान गड़बड़ी मिलने पर एचएम सहजानंद पर कार्रवाई की गयी है। डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान व प्रारंभिक शिक्षा सह सिंघवाड़ा के बीईओ रवि कुमार ने बताया कि अभी सहजानंद से स्पष्टीकरण पूछा गया है कि क्यों नहीं आपको विभिन्न तथ्यों के तहत निलंबित कर दिया जाए। फिलहाल उनका वेतन बंद कर दिया गया है।


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