बिहार में सात साल से पूर्ण शराबबंदी लागू है। बिहार के पूर्व सीएम व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी इसे लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है। मांझी ने एक बार फिर शराबबंदी को लेकर सरकार से सवाल किया है। उन्होंने कहा है कि बिहार में शराबबंदी फेल है। नीतीश कुमार में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो गुजरात मॉडल बिहार में लागू करें। शराबबंदी के नाम पर गरीबों को टारगेट किया जा रहा है। 70% गरीब बिहार के विभिन्न जेलों में बंद हैं ये लोग केस में फंसे हुए हैं।

जीतन राम मांझी ने कहा कि गरीब लोग देशी पीते हैं तो पकड़े जाते हैं जबकि बड़े लोग शराब पीने के बाद भी नहीं पकड़े जाते हैं। गरीबों पर कार्रवाई की जाती है जबकि अमीर बच निकलते हैं। जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर बड़ी बात कही उन्होंने कहा कि शराब पीने वाले बड़े-बड़े ठेकेदार, विधायक, मंत्री, जज, कलेक्टर,एसपी,पुलिस ऑफिसर ये सब लोग रात में शराब पीते हैं लेकिन इन लोगों को कोई नहीं पकड़ता। सिर्फ गरीबों को ही पकड़ा जाता है।

इसीलिए हमने सरकार से कहा था कि शराबबंदी पर समीक्षा होनी चाहिए और गुजरात से सीख लेनी चाहिए। मांझी ने नीतीश सरकार से बिहार में गुजरात मॉडल शराबबंदी लागू करने की मांग की। बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2016 में शराबबंदी लागू की लेकिन पूर्ण शराबबंदी आज तक बिहार में लागू नहीं हुआ। जिसे लेकर अब नीतीश कुमार शराबबंदी की समीक्षा करने के मूड में है। जीतन राम मांझी ने शराब की समीक्षा का समर्थन भी किया है। बता दें कि जीतन राम मांझी हाजीपुर पहुंचे थे। कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने यह बातें कही।