दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक हुई. विपक्षी दलों की यह चौथी बैठक थी. इसके पहले पटना, बेंगलुरु और मुंबई मे बैठक हुई थी. अब चौथी बैठक के बाद तस्वीरें काफी साफ हो गई हैं. सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम विपक्ष के प्रधानमंत्री चेहरे के लिए पेश किया. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसका समर्थन भी कर दिया. अब बिहार में इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है।

सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार की शाम बयान जारी करते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री बनने का सपना लेकर 2022 में दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ा था और अब पटना में अपने पक्ष में पोस्टर लगवा कर बड़ी उम्मीद से गठबंधन की दिल्ली बैठक में गए थे, लेकिन किसी ने संयोजक पद के लिए भी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं किया. प्रधानमंत्री-पद की उम्मीदवारी तो बहुत दूर की बात है।

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार को न माया मिली, न राम. वे खाली हाथ जब पटना लौटेंगे, तब जेडीयू के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाए रखना मुश्किल होगा. पार्टी में भगदड़ मच सकती है. उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन ने साल भर का समय बर्बाद किया. वे कुछ भी तय नहीं कर पाए।

बीजेपी सांसद ने कहा कि ममता बनर्जी और केजरीवाल ने संयोजक-पद के लिए मल्लिकार्जुन खरगे का नाम सुझाया इसे स्वीकार नहीं किया गया. ममता और केजरीवाल के रुख से साफ है कि गठबंधन के दो बड़े दल नीतीश कुमार को नेतृत्व सौंपने के विरुद्ध हैं. उन्होंने कहा कि गठबंधन की चौथी बैठक भी कोई बड़ा फैसला नहीं कर पाई. हेमंत सोरेन बैठक में गए ही नहीं।


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