बिहार की सरकार अब अपराधियों के आगे असहाय दिखती है। राज्य में अब यह बात किसी से भी छुपी हुई नहीं है कि अपराधियों ने अपनी जड़ों को मजबूत कर लिया है और आज पूरा प्रदेश अपराधियों से घिरा हुआ है। आज सीएम के विभाग के अधिकारी की हत्या कर दी जा रही है, लेकिन इसके बाद भी सीएम जिस तरह से मौन हैं, वह बताता है की बिहार कहां जाएगा। यह बातें लोजपा (रामविलास) के सांसद सह राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कही है।
चिराग ने कहा है कि – जिस तरह से समस्तीपुर की घटना सामने आ रही है वह सरकार की नाकामयाबी को दर्शाता है। अभी तक आम बिहारी की हत्या हो रही थी,व्यवसाई की हत्या हो रही थी। लेकिन जिस तरह समस्तीपुर में अपराधी के गोली का शिकार एक पुलिस अधिकारी हुए हैं। वह बताता है कि बिहार कहां जाएगा। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विभाग के अधिकारी की हत्या की गई और तब भी मुख्यमंत्री मौन रहेंगे तो यह प्रदेश कहां जाएगा। क्या ऐसे में पुलिस में तैनात हमारे जवानों का मनोबल नहीं गिरेगा ? क्या मुख्यमंत्री इस पर बोलना उचित नहीं समझते? क्या मृतक के परिवारों से मिलना उचित नहीं समझते ?
चिराग ने कहा कि – मुख्यमंत्री जी आपके राज में पत्रकार सुरक्षित नहीं है, पुलिस अधिकारी सुरक्षित नहीं है तो ऐसे में अब आम बिहारी ने तो आपसे उम्मीद ही छोड़ दी है। कोटा में एक बच्चे ने आत्महत्या कर ली क्या मुख्यमंत्री उस बच्चे के परिजन से मिलना उचित समझे। क्या मुख्यमंत्री ने इस बात की जांच करानी जरुरी नहीं समझा कि आखिर क्यों उस बच्चे ने आत्महत्या की। हकीकत यह है कि जो बच्चे आज कोटा जा रहे हैं उनके परिजन जानते हैं कि अगर बिहार में पढ़ेगा तो 3 साल की डिग्री 4 साल 5 साल में मिलेगी और भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा।
चिराग ने कहा कि, मुख्यमंत्री भागभाग कर देश के हर राज्य में अर्जी लेकर जा रहे हैं। अभी जाकर देखे तो मुख्यमंत्री का सूटकेस बंधा होगा मुंबई जाने के लिए। लेकिन इनके पास इतनी फुर्सत नहीं है कि बिहार का कोई जिला चले जाए। मुजफ्फरपुर चले जाए या फिर समस्तीपुर चले जाए। चौकीदार को आधी रात में चौकीदारी करने भेजा जाता है और वो शहीद हो जाते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री यह उचित नही समझते हैं की जानकारी ली जाए कि आखिर यह घटना कैसे घटी।
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