लोकसभा चुनाव के लिए धुआंधार प्रचार किया जा रहा है. राजनीतिक पार्टियां मतदाताओं तक पहुंचने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को तेलंगाना के दौरे पर रहे, जहां उन्होंने एक बयान में कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी इस लोकसभा चुनाव में बिजनेसमैन गौतम अडानी और मुकेश अंबानी का नाम नहीं ले रहे हैं. उनके इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है और बताया कि राहुल गांधी ने कब-कब अडानी और अंबानी का नाम लिया है।

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘वक्त बदल रहा है. दोस्त दोस्त ना रहा… तीन चरणों के चुनाव पूरे हो जाने के बाद आज प्रधानमंत्री जी अपने मित्रों पर ही हमलावर हो गए हैं. इसे पता चल रहा है कि मोदी जी की कुर्सी डगमगा रही है. यही परिणाम के असली रुझान हैं.’

जयराम रमेश ने 21 अरबपतियों का किया जिक्र

उन्होंने कहा, ‘जिस व्यक्ति ने अपनी पार्टी के लिए 8,200 करोड़ रुपए का चंदा इकट्ठा किया, इतना भयंकर घोटाला किया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उसे असंवैधानिक घोषित किया, वो आज दूसरों पर आरोप लगा रहा है. याद रखें कि अपने ‘चार रास्ते’ द्वारा प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के निजी स्वार्थ और सत्ता-लोभ के लिए 4 लाख करोड़ रुपए का ठेका और लाइसेंस दिया था. अगर आज भारत में ऐसी स्थिति है कि 21 अरबपतियों के पास इतना धन है जितना कि 70 करोड़ भारतीयों के पास है, तो यह प्रधानमंत्री के नियत और नीति का ही परिणाम है. जाहिर सी बात है कि इस 21 में ‘हमारे दो’ की बहुत ही अहम भूमिका है.’

प्रियंका गांधी ने पूछे कई सवाल

वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘मैं हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ये सवाल पूछना चाहती हूं कि उन्होंने देश संपत्ति किस-किस को बांटी है…एक बार देश के सामने बोल दें, प्रधानमंत्री को सफाई क्यों देनी पड़ रही है क्योंकि लोग समझ रहे हैं कि उनको बुनियादी चीजें नहीं मिल रही हैं और देश के पूंजीपतियों को सब कुछ मिल रहा है. उनका कर्ज माफ हो रहा है. इन सवालों का जवाब मंच से दे दें, तो उनको भी उनके सवालों का जवाब मिल जाएगा.’

पीएम मोदी ने क्या दिया बयान?

दरअसल, प्रधानमंत्री ने तेलंगाना के करीमनगर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘पिछले 5 सालों से कांग्रेस के शहजादे दिन-रात एक ही माला जपते थे…’5 उद्योगपति’, ‘अंबानी’, ‘अडानी’…लेकिन जब से चुनाव घोषित हुआ है, इन्होंने अंबानी, अडानी को गाली देना बंद कर दिया है…क्यों? मैं कांग्रेस के शहजादे से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने अडानी, अंबानी से कितना माल उठाया है, काला धन के बोरे भरकर रुपए मारे हैं, क्या टेंपो भरकर नोट कांग्रेस के पास पहुंचे हैं, क्या सौदा हुआ है…? जरूर दाल में कुछ काला है. कांग्रेस पार्टी को चुनाव के लिए उन उद्योगपतियों से कितना माल मिला है?’


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