प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद के निचले सदन यानी लोकसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर खूब निशाना भी साधा। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को लेकर भी पीएम मोदी ने बयान दिया। अपने संबोधन में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू को लेकर कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने दिल्ली के लाल किले से कहा था कि हिंदुस्तान में काफी मेहनत की आदत आमतौर पर नहीं है। हम इतना काम नहीं करते थे, जितना यूरोप, चीन और जापान में लोग करते हैं। ये ना समझिए ये जादू से खुशहाल हुईं। वे मेहनत और अक्ल से हुई है। नेहरू जी भारतीयों को आलसी समझते थे।

नेहरू और इंदिरा पर पीएम मोदी की टिप्पणी

इंदिरा गांधी पर पीएम मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी की सोच भी इससे अलग नहीं थी। इंदिरा जी ने कहा था कि हमारी आदत ये है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को हेता है तो हम आत्मसंतुष्टि की भावना से भर जाते हैं। लेकिन जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि पूरे राष्ट्र ने ही पराजय की भावना को अपना लिया है। बता दें कि पीएम मोदी ने लोकसभा में विपक्ष की नीतियों और परिवारवाद पर भी निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने परिवारवाद का मतलब भी सदन में समझाया।

परिवारवाद पर क्या बोले पीएम मोदी?

पीएम मोदी ने कहा कि इतने साल हो गए विपक्ष ने नेता नहीं बदला। परिवारवाद का खामियाजा देश ने भुगता है। विपक्ष पुरानी ढपली, पुराना राग अलाप रही है। देश को स्वस्थ, अच्छे विपक्ष की जरूरत है। उन्होंने परिवारवाद को लेकर कहा कि हम किस परिवारवाद की बात करते हैं? यदि किसी परिवार में एक से अधिक लोग जनसमर्थन से अपने बलबूते पर राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करते हैं तो उसे हम परिवारवाद नहीं कहते हैं। हम परिवारवाद उसे कहते हैं जो पार्टी परिवार चलाता है। पार्टी के सारे निर्णय परिवार के लोग करते हैं वो परिवारवाद है। पीएम ने कहा कि हम चाहते हैं कि एक ही परिवार के 10 लोग राजनीति में आए। नवजवान राजनीति में आए। लेकिन परिवारवाद के जरिए नहीं। यह चिंता का विषय है।


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