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“मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है” ये पंक्तियां यूपी के कन्नौज की बुशरा बानो (Bushra Bano) पर बिलकुल सटीक बैठती हैं। अगर आपके सपनों में जान है तो परिस्‍थतियां कभी आपके पैरों की बेड़ी नहीं बन सकतीं और इस बात को सही साबित कर दिया बुशरा बानो ने। फुल टाइम जॉब, शादीशुदा जिंदगी और बच्चे की जिम्मेदारियों के साथ सबसे कठिन मानी जाने वाली यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा दूसरे ही प्रयास में पास कर ली और बिना कोचिंग के आईएएस अधिकारी बनकर इतिहास रच दिया।

बुशरा बानो की कहानी प्रेरित करती है और संसाधनों के अभाव और परिस्थितियां अनुकूल ना होने का रोना रोने वालों के सामने उदाहरण पेश करती है। बुशरा बानो मैनेजमेंट ग्रेजुएट और पोस्‍ट ग्रेजुएट हैं और उसके बाद उन्‍होंने पीएचडी भी की है। बेहतरीन शिक्षा प्राप्‍त करने के बाद उनकी कोल इंडिया लिमिटेड में नौकरी लग गई। बुशरा की शादी पीएचडी के दौरान ही 2014 में मेरठ के असमर हुसैन से हो गईं। इसके बाद यूपीएससी में जाने का विचार मन में आया। बच्‍चे हुए लेकिन यूपीएससी का विचार मन में ही रहा।

फुल टाइम जॉब, शादीशुदा जिंदगी और बच्चे की जिम्मेदारियों के बीच बुशरा ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। उन्‍होंने इन सब जिम्‍मेदारियों के बीच से तैयारी के लिए वक्‍त निकाला और अपनी मेहनत एवं जुनून के बल पर दूसरे प्रयास में सफलता हासिल कर ली। UPSC 2018 की परीक्षा में 277वीं रैंक हासिल करने वाली बुशरा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट रही हैं। 2016 से तैयारी कर रही बुशरा का UPSC 2017 रिजल्ट में नाम नहीं आया था।

बुशरा के विषयों की बात करें तो मैनेजमेंट उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट था। उनका मानना है कि यूपीएससी के दौरान ऑप्शनल का चुनाव बेहद सोच समझ कर करना चाहिए। यूपीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं के ल‍िए बुशरा कहती हैं कि कही सुनी बातों पर यकीन करने की बजाय तैयारी की रणनीति खुद तैयार करें। ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव काफी सोच समझकर करें।


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