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संसद की सुरक्षा में चूक मामले के सभी आरोपियों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने साइको एनेलिसिस टेस्ट करवाया है। रोहणी स्थित एक सरकारी इंस्टीट्यूट में घटना के मास्टरमाइंड ललित समेत सभी आरोपियों का टेस्ट किया गया। पुलिस सभी आरोपियों के नए सिम एक्टिव करवा रही है। इसके बाद क्लाउड के जरिये मोबाइल फोन सिम में दफन साज़िश के राज से जल्द पर्दा उठेगा।

मनोरंजन है घटना का मास्टरमाइंड

पुलिस की पूछताछ में ललित झा ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि घटना का असल मास्टरमाइंड मनोरंजन है। ललित ने खुलासा किया उसे अंदाजा नहीं था की इस घटना पर सभी आरोपियों पर UAPA (आतंकवादी गतिविधियां) लगेगा।  हमें लग रहा था हम जल्द जमानत पर बाहर आकर पब्लिक फिगर बन जाएंगे। सोसायटी में एक मैसेज देगे जमानत पर बाहर आकर और फिर बड़ी फंडिग के जरिए अपने प्रोपोगंडा को आगे ले जाएंगे।

बड़ा संगठन तैयार करना था मकसद

पूछताछ में पता चला है कि मनोरंजन फंडिंग के लिए लगातार प्रयास कर रहा था। उसका मकसद एक बड़ा संगठन तैयार करना था। संगठन में रिक्रूटमेंट का जिम्मा सागर शर्मा को दिया था। युवाओं के ब्रेनवॉश का जिम्मा सागर शर्मा के पास ही था।

क्या है पूरा मामला

बता दें कि संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन इस महीने 13 दिसंबर को सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना उस वक्त सामने आई थी जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए थे और उन्होंने नारेबाजी करते हुए ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया था। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया था। लगभग इसी समय पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ने वाली ‘केन’ लेकर संसद भवन के बाहर प्रदर्शन करने वाले दो अन्य लोगों अमोल शिंदे और नीलम देवी को गिरफ्तार कर लिया गया था।

आरोपियों ने लगाया था नारा

गिरफ्तार किए आरोपियों ने ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और कुछ अन्य नारे लगाये थे। पुलिस ने इन चारों आरोपियों के अलावा मामले में ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार कर लिया है। सभी छह आरोपियों से पुलिस हिरासत में पूछताछ की जा रही है।


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